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    Eid-e-Milad-un Nabi 2025: 4 या 5 सितंबर, कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी, जानिए सही तारीख

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 04:59 PM (IST)

    ईद-ए-मिलाद-उन-नबी दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा विशेष रूप से मनाया जाने वाला एक पर्व है। यह पर्व हर साल इस्लामी चंद्र कैलेंडर के तीसरे महीने रबी-अल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-e-Milad-un Nabi 2025 Date) कब मनाई जा रही है।

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    Eid e Milad un Nabi 2025 Date

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस्लाम धर्म में ईद (Eid-e-Milad-un Nabi 2025) का पर्व एक विशेष महत्व रखती है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रबी-उल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाई जाती है।

    यह दिन इसलिए खास है, क्योंकि इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कुछ लोग इसे एक खुशी के मौके की तरह मनाते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे एक शोक के दिन में भी मनाते हैं। चलिए जानते हैं इस बारे में।  

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    कब है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी

    ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाए जाने की सटीक तारीख चांद के दिखने पर निर्भर करती है। ऐसे में 4 या 5 सितंबर को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मनाए जाने की उम्मीद है।

    इसलिए मनाई जाती है ईद-ए-मिलाद-उन-नबी  

    इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद का जन्म मक्का में हुआ था। माना जाता है कि हजरत मोहम्मद का जन्म उन्हें समाज में फैल रहे अंधकार को दूर करने व बुराइयों को खत्म करने के लिए हुआ था। माना जाता है कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म लगभग 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था। उनका जन्म रबी-उल-अव्वल महीने की 12 तारीख पर मिलादुन्नबी के दिन हुआ था।

    इसलिए इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid Milad Un Nabi 2025 significance) के रूप में मनाए जाने की परम्परा है। वहीं यह भी माना जाता है कि रबी-उल-अव्वल महीने की 12वें दिन ही पैगंबर मोहम्मद का इंतकाल भी हुआ था। इसलिए कुछ लोग इसे शोक के रूप में भी मनाते हैं।

    (Picture Credit: Freepik)

    कैसे मनाते हैं यह जश्न (Eid Milad Un Nabi 2025 Celebration)

    ईद-ए-मिलाद-उन-नबी को बहुत ही उत्साह के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर लोग अपने घरों को सजाते हैं और मस्जिद में सजदा करने जाते हैं। इस दिन पर दरगाह चादर भी चढ़ाई जाती है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के दिन-ज्यादा-से-ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में गुजारा जाता है। साथ ही इस दिन पर जुलूस निकाले जाते हैं और लोग एक-दूसरे को गले लगकर मुबारकबाद देते हैं।

    यह भी पढ़ें - Eid-e-Milad-un Nabi 2025: कैसे मनाई जाता है ईद-ए-मिलाद, इस वजह से खास माना जाता है यह दिन

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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