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    Eating Food with Hands: हाथों से क्यों खाना है बेहतर, जानिए वेदों के अनुसार इसके फायदे

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 28 Jun 2023 01:15 PM (IST)

    Eating Food with Hands वेद को हिंदू धर्म का सबसे प्राचीन और पवित्र ग्रंथ माना जाता है। वेद-पुराण हिंदू धर्म के ऐसे ग्रंथ हैं जो व्यक्ति को जीवन जीने के लिए उचित ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। वेदों में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिन्हें अपने जीवन में अपनाने से व्यक्ति कई समस्याओं से छुटकारा पा सकता है।

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    Eating Food with Hands हाथों से क्यों खाना है बेहतर।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Eating Food with Hands: भारत में शुरू से ही जमीन पर बैठकर हाथ से भोजन करने की परम्परा रही है। ये परम्परा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टि से भी बेहद लाभकारी है। वेदों में इसे लेकर कई फायदे बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि हाथ से खाने की परम्परा के बारे में हमारे वेद क्या कहते हैं।

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    इस तत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं उंगलियां

    वेदों के अनुसार, हमारे हाथ का अंगूठा अग्नि, तर्जनी वायु, मध्यमा आकाश, अनामिका पृथ्वी और कनिष्ठा उंगली जल तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। हाथ से खाना खाने से मनुष्य के शरीर में पंचतत्वों का संतुलन सही होता है। पंचतत्वों के मेल से भोजन का स्वाद और भी बढ़ जाता है।

    ये हैं फायदे

    खाना खाते वक्त जब हम उंगलियों और अंगूठे को आपस में मिलाते हैं तो हमारे अंदर एक ऊर्जा पैदा होती है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। साथ ही इससे खाना भी जल्दी पचता है। ऐसा माना जाता है कि हाथों से खाया गया खाना सभी ऊर्जाओं क्षिति, जल, पावक, गगन ,समीर सभी का हाथों से प्रवाह शरीर के भीतर होता है। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है। 

    वैज्ञानिक दृष्टाकोष से फायदे

    हाथ से खाना खाने के सेहत की दृष्टि से भी कई फायदे हैं। जब कोई व्यक्ति अपने हाथों से खाना खाता है, तो उस समय उसकी हाथों की उंगलियां आपस में जुड़ी रहती हैं। इससे व्यक्ति का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। साथ ही इससे नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है। हाथ से खाना खाने के दौरान हाथों की मांसपेशियों की एक्सरसाइज भी बेहतर तरीके से हो जाती है।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'