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    Dussehra 2024 Date: किस दिन मनाया जाएगा दशहरा? नोट करें रावण दहन का शुभ मुहूर्त

    Updated: Mon, 16 Sep 2024 12:40 PM (IST)

    दशहरा के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों के अनुसार इस दिन रावण दहन के अलावा मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। इसलिए इस दिन को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं दशहरा (Dussehra 2024) की डेट महत्व और रावण दहन का शुभ मुहूर्त के बारे में।

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    Vijayadashami 2024: विजयादशमी पर होता है रावण दहन

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस खास अवसर पर देशभर में कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के पुतले दहन (Dussehra 2024 Ravana Dahan) किए जाते हैं। धर्म शास्त्रों के अनुसार, दशमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर विजय प्राप्त की थी। इसलिए इस पर्व को धर्म की अधर्म की जीत के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस पर्व की जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

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    दशहरा 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Dussehra 2024 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन माह शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। ऐसे में दशहरा का पर्व 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है। रावण दहन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

    रावण दहन विजय मुहूर्त में किया जाता है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से लेकर 02 बजकर 49 मिनट तक है। इस दौरान आप रावण दहन कर सकते हैं।

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    विजयादशमी का महत्व (Dussehra 2024 Importance)

    सनातन धर्म में दशहरा का दिन बेहद उत्तम माना जाता है। इस दिन प्रभु ने राम ने रावण का दहन कर अधर्म पर धर्म की स्थापना की थी। इसके अलावा मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दैत्य का वध किया था। विजयादशमी के दिन लोग कुंभकरण, रावण और मेघनाथ के पुतले बनाकर उनका दहन करते हैं।

    इन मंत्रों का करें जप

    राम ध्यान मंत्र

    ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,

    लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

    श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे ,

    रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

    श्री राम गायत्री मंत्र

    ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धीमहि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

    राम मूल मंत्र

    ॐ ह्रां ह्रीं रां रामाय नमः॥

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।