Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुर्गा सप्तशती के कुछ ऐसे मंत्र हैं जिससे आप कई परेशानी से दूर हो सकते हैं

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Sat, 09 Apr 2016 10:37 AM (IST)

    धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप करने से सभी सुखों की प्राप्ति संभव है। ये मंत्र बहुत ही चमत्कारी हैं अगर विधि-विधान से इनका जाप किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं।

    धर्म ग्रंथों के अनुसार नवरात्र में दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप करने से सभी सुखों की प्राप्ति संभव है। ये मंत्र बहुत ही चमत्कारी हैं अगर विधि-विधान से इनका जाप किया जाए तो असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। (दुर्गा सप्तशती के मंत्र बहुत ही शीघ्र असर दिखाते हैं, यदि आप मंत्रों का उच्चारण ठीक से नहीं कर सकते तो किसी योग्य ब्राह्मण से इन मंत्रों का जाप करवाएं, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं।) मंत्र जाप की विधि इस प्रकार है-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवरात्र में रोज सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें। इसके बाद एकांत में कुशा (एक प्रकार की घास) के आसन पर बैठकर लाल चंदन के मोतियों की माला से इन मंत्रों का जाप करें।

    इन मंत्रों की प्रतिदिन 5 माला जाप करने से मन को शांति तथा प्रसन्नता मिलती है। यदि जाप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाते हैं।

    बाधा शांति के लिए

    सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि।

    एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरिविनासनम्।।

    विपत्ति नाश के लिए मंत्र

    देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद

    प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य।

    प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं

    त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।।

    सुंदर पत्नी के लिए मंत्र

    पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।

    तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम।।

    गरीबी मिटाने के लिए

    दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तो:

    स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।

    दारिद्रयदु:खभयहारिणि का त्वदन्या

    सर्वोपकारकरणाय सदाद्र्रचिता।।

    रक्षा के लिए

    शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके।

    घण्टास्वनेन न: पाहि चापज्यानि:स्वनेन च।।

    स्वर्ग और मुक्ति के लिए

    सर्वस्य बुद्धिरूपेण जनस्यहदि संस्थिते।

    स्वर्गापर्वदे देवि नारायणि नमोस्तु ते।।

    मोक्ष प्राप्ति के लिए

    त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या

    विश्वस्य बीजं परमासि माया।

    सम्मोहितं देवि समस्तमेतत्

    त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्तिहेतु:।।

    स्वप्न में सिद्धि-असिद्धि जानने का मंत्र

    दुर्गे देवि नमस्तुभ्यं सर्वकामार्थसाधिके।

    मम सिद्धिमसिद्धिं वा स्वप्ने सर्वं प्रदर्शय।।

    सामूहिक कल्याण के लिए मंत्र

    देव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या

    निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूत्र्या।

    तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां

    भकत्या नता: स्म विदधातु शुभानि सा न: ।।

    भय नाश के लिए

    यस्या: प्रभावमतुलं भगवाननन्तो

    ब्रह्मा हरश्च न हि वक्तुमलं बलं च।

    सा चण्डिकाखिलजगत्परिपालनाय

    नाशाय चाशुभभयस्य मतिं करोतु।।

    रोग नाश के लिए

    रोगानशेषानपहंसि तुष्टा

    रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।

    त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां

    त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

    पाएं घर में सुख-शांति के लिए वास्तु टिप्स और विधि उपाय Daily Horoscope & Panchang एप पर. डाउनलोड करें