इस Diwali और Dhanteras पर जरूर करें इन चीजों का दान, धन-धान्य से भरा रहेगा घर
दीपोत्सव में दान-पुण्य का विशेष महत्व है, जिससे अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि दीवाली और धनतेरस पर क्या दान करना फलदायी होता है।

Diwali-Dhanteras 2025: दान का महत्व।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है और इसका समापन भाई दूज पर होगा। यह पांच दिवसीय पर्व दान-पुण्य का पर्व है। हिंदू धर्म में, किसी भी त्योहार पर दान करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इससे अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इस साल धनतेरस (Dhanteras 2025) 18 अक्टूबर को और दीपावली (Diwali 2025) 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसे में इन दोनों ही शुभ तिथियों पर क्या दान करना चाहिए? यहां जानते हैं।
अन्न और भोजन का दान
इस दौरान अन्न दान को महादान माना गया है। माता लक्ष्मी को अन्नपूर्णा का स्वरूप भी माना जाता है। ऐसे में इस दिन किसी भूखे व्यक्ति को भोजन कराएं। इसके अलावा चावल, दाल, आटा, चीनी, तेल और मौसमी फल आदि का दान कर सकते हैं।
वस्त्रों का दान
इस दौरान किसी गरीब या असहाय व्यक्ति को वस्त्रों का दान करने से दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ऐसे में पीले या लाल रंग के वस्त्र दान कर सकते हैं, क्योंकि ये रंग माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय हैं।
तेल और घी का दान
इस दौरान घी या तेल का दान करने से दूसरों के घरों में भी रोशनी होती है, जो आपके जीवन से अंधकार और संकटों को दूर करता है। ऐसे में इस दौरान सरसों के तेल या देसी घी का दान करें। ताकि दूसरे भी अपने घर में दीपक जला सकें।
झाड़ू का दान
मंदिरों या किसी गरीब व्यक्ति को इस दौरान झाड़ू दान करने से घर में अनावश्यक खर्च कम होते हैं और आर्थिक स्थिरता आती है।
सुहाग सामग्री का दान
मान्यता है कि दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा के बाद सुहागिन महिलाओं को सुहाग का सामान दान करना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसे में सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, लाल साड़ी या चुनरी आदि का दान जरूर करें। इससे अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
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