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    Shani Dosh Upay: शनि की साढ़े साती से बचाव के लिए करें ये उपाय, दूर होंगे सभी दुख और संताप

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Fri, 05 Jan 2024 08:00 AM (IST)

    Shani Sade Sati Upay अच्छे कर्म करने वाले को शनि देव शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। ज्योतिषियों की माने तो कुंडली में शनि कमजोर होने या शनिदेव की कुदृष्टि पड़ने पर व्यक्ति विशेष को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आर्थिक स्तिथि भी बदतर हो जाती है।

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    Shani Sade Sati Upay: शनि की साढ़े साती से बचाव के लिए करें ये उपाय

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Sade Sati Upay: सनातन धर्म में शनिवार के दिन न्याय के देवता शनि देव की पूजा की जाती है। इन्हें कर्मफल दाता भी कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को शनि देव शुभ फल देते हैं और बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। ज्योतिषियों की माने तो कुंडली में शनि कमजोर होने या शनिदेव की कुदृष्टि पड़ने पर व्यक्ति विशेष को जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आर्थिक स्तिथि भी बदतर हो जाती है। इसके अलावा, शनि की साढ़ेसाती चलने पर व्यक्ति को जीवन में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है। अगर आप भी शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं, तो इसके प्रभाव को कम करने के लिए ये उपाय जरूर करें।

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    साढ़ेसाती के उपाय 

    1. अगर आप साढ़ेसाती से पीड़ित हैं, तो हर शनिवार को स्नान-ध्यान करने के बाद जल में काले तिल मिलाकर पीपल के वृक्ष में अर्घ्य दें। इस समय शनि चालीसा का पाठ करें। साथ ही तीन बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। इस उपाय को हर शनिवार के दिन करें। ऐसा करने से शनिदेव की कृपा साधक पर बरसती है।
    2. अगर आप शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करना चाहते हैं, तो रोजाना स्नान-ध्यान के पश्चात गंगाजल में काले तिल और बेलपत्र मिलाकर भगवन शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव कम हो जाता है।
    3. हर मंगलवार और शनिवार के दिन मर्यादा पुरोषत्तम श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा करें। रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
    4. अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन तामसिक भोजन का सेवन न करें। किसी का दिल न दुखाएं। साथ ही लोहे, चमड़े के जूते, चप्पल, लकड़ी की वस्तुएं, नमक, सरसों का तेल आदि चीजों का दान करें।
    5. शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों या तिल का तेल शनिदेव को अर्पित करें। इस समय शनि स्रोत का पाठ और शनि मंत्र का जाप करें।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।