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    Shani Upay: करना चाहते हैं न्याय के देवता शनि देव को प्रसन्न, तो शनिवार के दिन जरूर करें ये उपाय

    Shani Upay सनातन शास्त्रों में निहित है कि सूर्य पुत्र शनि देव न्याय के देवता हैं। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं तो बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। अतः व्यक्ति को सदैव सही कर्म करना चाहिए।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 13 May 2023 09:54 AM (IST)
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    Shani Upay: करना चाहते हैं न्याय के देवता शनि देव को प्रसन्न, तो शनिवार के दिन जरूर करें ये उपाय

    नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Shani Upay: सनातन धर्म में शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनि देव की पूजा-अर्चना की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि सूर्य पुत्र शनि देव न्याय के देवता हैं। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल देते हैं, तो बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। अतः व्यक्ति को हमेशा सही कर्म करना चाहिए। शनि देव की कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। साथ ही धन में भी वृद्धि होती है। अगर आप भी न्याय के देवता शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन ये उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-

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    - अगर आप पारिवारिक कलह से परेशान हैं, तो शनिवार की रात घर के ईशान कोण में लोबान जलाएं। इस उपाय को करने से घर में मौजूद नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। इससे परिवार के सदस्यों के मध्य पुनः प्रेम और स्नेह स्थापित होता है।

    - अगर आप शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन श्रद्धाभाव से पीपल पेड़ की पूजा करें। पूजा के समय जल का अर्घ्य दें और दीप जलाकर शनि स्तुति का पाठ करें। इस उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

    - अगर आप साढ़े साती से पीड़ित हैं, तो हर शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। इस उपाय से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से धन प्राप्ति के योग बनते हैं।

    - शनिवार के दिन शिवजी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। अतः इस दिन स्नान-ध्यान करने के पश्चात जल में काले तिल और बिल्व पत्र मिलाकर शिवलिंग को अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से कुंडली में साढ़े साती का प्रभाव क्षीण होता है।

    - शास्त्रों में निहित है कि पूजा के समय साधक का ध्यान शनिदेव के चरणों में होना चाहिए। भूलकर भी शनि देव से नजरें नहीं मिलानी चाहिए। इससे शनि देव की बुरी नजर साधक पर पड़ती है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।