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    Ganga Dussehra 2024: कब और क्यों मनाई जाती है गंगा दशहरा? जानें इसके बारे में सबकुछ

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 23 Apr 2024 05:35 PM (IST)

    इस दिन जगत की धात्री मां गंगा की पूजा-उपासना की जाती है। इसके लिए साधक ब्रह्म बेला से पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण भूलोक पर हुआ था। अतः हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा मनाया जाता है।

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    Ganga Dussehra 2024: कब और क्यों मनाई जाती है गंगा दशहरा? जानें इसके बारे में सबकुछ

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganga Dussehra 2024: हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन जगत की धात्री मां गंगा की पूजा-उपासना की जाती है। इसके लिए साधक ब्रह्म बेला से पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। इसके पश्चात विधि-विधान से मां गंगा की पूजा करते हैं। शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मां गंगा का अवतरण भूलोक पर हुआ था। अतः हर वर्ष ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर गंगा दशहरा मनाया जाता है। धार्मिक मत है कि गंगा नदी में स्नान-ध्यान करने से व्यक्ति के जन्म-जन्मांतर में किए गए सकल पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही मां गंगा की कृपा से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, गंगा दशहरा की तिथि, मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषीय गणना के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 17 जून को ब्रह्म मुहूर्त में 04 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। नोट करें यह तिथि अंग्रेजी कैलेंडर पर आधारित है। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अत: 16 जून को गंगा दशहरा मनाया जाएगा।

    योग

    गंगा दशहरा पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। वरीयान योग संध्याकाल 09 बजकर 03 मिनट तक है। इसके बाद परिघ योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग के भी संयोग बन रहे हैं। इन योग में गंगा स्नान करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

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    डिस्क्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।