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    क्या वास्तव में होती हैं बुरी आत्माएं? जानिए क्या कहते हैं शास्त्र

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Thu, 13 Jul 2023 04:04 PM (IST)

    क्या भूत होते हैं? इस विषय पर लंबे समय से चर्चा चल रही है। लेकिन कोई भी वैज्ञानिक संगठन इसका ठोस प्रमाण पेश नहीं कर पाया। हिन्दू धर्म शास्त्रों में बुरी आत्माओं और भूतों के विषय में विस्तार से बताया गया है। साथ ही यह भी बताया है कि एक आत्मा को बुरी आत्मा क्यों कहा जाता है और आत्माएं बुरी आत्माएं कैसे बनती हैं।

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    किन्हें कहा जाता है बुरी आत्माएं, जानिए क्या कहते हैं शास्त्र?

    नई दिल्ली; भूत, प्रेत, बुरी आत्माएं इन सभी से जुड़े कई किस्से-कहानियां आपके द्वारा पढ़ी या सुनी गई होंगी। लेकिन क्या कभी किसी ने इसका आभास किया है? या क्या वास्तव में बुरी आत्माएं होती हैं? कई लोग ऐसा दावा करते हैं कि उन्होंने भूतों को देखा है। साथ ही ऐसा महसूस भी किया है कि उनके आसपास बुरी आत्माओं का साया है। कई ऐसे दृश्य भी टीवी या सोशल मीडिया पर देखने को मिलते हैं, जिसमें यह देखा जाता है कि लोगों पर प्रेत-बाधा आती है। आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि क्या सच में भूत-प्रेत होते हैं और इनसे जुड़े शास्त्रों में क्या-क्या कहा गया है?

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    कितनी प्रकार की होती है आत्माएं?

    वास्तव में भूत-प्रेत होते हैं या नहीं इस विषय पर जानने से पहले यह जान लीजिए कि आत्माएं कितने प्रकार की होती हैं। शास्त्रों में यह विदित है कि तीन प्रकार की आत्माएं होती है। एक जीवात्मा, दूसरा प्रेत आत्मा और अंतिम सूक्ष्मात्मा। जो हमारे शरीर में वास करती है वह जीवात्मा कहलाता है। लेकिन जब जीवात्मा में वासना या कामनाएं निवास करती है तो उसे प्रेतात्मा कहते हैं और जब यह आत्माएं सूक्ष्मतम शरीर में वास करती है तो उसे सूक्ष्मात्मा कहा जाता है। प्रश्न यह उठता है कि कौन बनते हैं भूत?

    शास्त्रों में इसका भी वर्णन मिलता है कि जो मनुष्य अपने जीवन में भूख, प्यास, रोग, क्रोध, वासना, इत्यादि की इच्छाओं के साथ मृत्यु को पाता है, उसे मृत्युलोक में भूत बनकर भटकना पड़ता है। इसके साथ ऐसा भी कहा गया है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु समय से पूर्व हुई हो अर्थात दुर्घटना में, हत्या के कारण या आत्महत्या के द्वारा तो उसकी आत्मा भी इस लोक भटकती रहती है। इसके साथ जिन आत्माओं का श्राद्ध कर्म, तर्पण इत्यादि नहीं किया जाता है। उनकी आत्मा भी मृत्युलोक में अपनी इच्छा पूर्ति के लिए भटकती रहती है।

    किन्हें कहा जाता है बुरी आत्माएं?

    हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, जिन पितरों का श्राद्ध या तर्पण स्वजन द्वार नहीं किया जाता है। वह आत्मा अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए बुरी आत्मा का आवेश धारण कर परिवार के लोगों को या अन्य लोगों को परेशान करते हैं। इसीलिये हिंदू धर्म में श्राद्ध एवं तर्पण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। पितृ पक्ष में या अमावस्या तिथि के दिन श्राद्ध अथवा तर्पण आदि कर्म का विशेष महत्व है। इसके साथ धर्माचार्य यह भी बताते हैं कि जिन लोगों को जानबूझकर तड़पाया या सताया जाता है, वह भी मृत्यु के बाद बुरी आत्मा के रूप में व्यक्ति को या उसके परिवारजनों को परेशान करते हैं।

    किन लोगों पर पड़ता है बुरी आत्माओं का साया?

    धर्माचार्यों के अनुसार, जो व्यक्ति पवित्रता का पालन नहीं करता है या ईश्वर की उपासना नहीं करता है। हमेशा पाप कर्म करता है, उस पर भूत या बुरी आत्मा का साया आसानी से पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह आत्माएं कमजोर शरीर को तलाशती हैं और ऐसे लोग मानसिक व शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं और हमेशा डरे-डरे रहते हैं। इसके साथ यह भी बताया गया है कि जो लोग निशाचर प्रवृत्ति के होते हैं, उन पर भूतों का साया आसानी से पड़ सकता है।

    ज्योतिष शास्त्र में भी इस सन्दर्भ में बताया गया है कि जब राहु विशेष स्थिति में होता है। तब भी भूत पीड़ा से ग्रस्त होने का भय बना रहता है। जैसे राहु यदि लग्न भाव में या कुंडली के अष्टम भाव में होता है तो उस पर सभी अन्य क्रूर ग्रहों की दृष्टि होती है। जिसके कारण जातक पर भी इसका प्रभाव पड़ता है और नकारात्मक शक्तियां उस पर हावी होने लगती है।

    देश के किन मंदिरों में किया जाता है भूत बाधाओं को दूर?

    भारत में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर है जहां पर भूत पीड़ा, पिशाच पीड़ा इत्यादि से ग्रसित लोगों का इलाज किया जाता है। इनमें से एक है, मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर जो राजस्थान के दौसा जिले में मौजूद है। यहां पर बुरी आत्माएं या भूत-पिशाच से ग्रसित लोगों का इलाज किया जाता है। मान्यता है कि यहां पर चढ़ाए गए प्रसाद को घर नहीं ले जाना चाहिए। इससे भूत प्रेतों का साया साथ जाने का डर बना रहता है।

    इसके साथ भारत के दक्षिण में बेताला मंदिर है जो उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित है। बेतला मंदिर में मां चामुंडा की मूर्ति विराजमान है और यहां तांत्रिक शक्तियों से भूत बाधाओं का उपचार किया जाता है। इस स्थान पर जब इस प्रक्रिया को किया जाता है, तब लोगों बहुत डर लगता है। इसके साथ पश्चिम बंगाल के कोलकाता में काली घाट मंदिर में भी भूत-पिशाच की बाधा से परेशान लोगों का इलाज किया जाता है। इस मंदिर में चल रही क्रियाओं को देखकर भी कई लोगों को डर लगता है और यहां वही लोग आते हैं, जिन पर भूत या प्रेत का साया रहता है।

    बुरी आत्माओं पर क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

    आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि न केवल अध्यात्मिक देश भारत में बल्कि अमेरिका जैसे विकसित देश में भी बुरी आत्माओं और भूत-प्रेतों पर विश्वास किया जाता है। 2019 में हुए Ipsos Poll के अनुसार, 46% अमेरिकी नागरिक यह मानते हैं कि वास्तव में भूत प्रेत होते हैं। इसके साथ यहां कई ऐसे संगठन भी हैं जो इन रहस्यों पर छानबीन कर रहे हैं। वर्तमान समय में वैज्ञानिक ऐसा आधुनिक उपकरण नहीं बना पाए हैं, जिससे भूत या बुरी आत्माओं से संपर्क साधा जा सके। लेकिन इस पर छानबीन आज भी जारी है।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।