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    Diwali 2025: इस बार पांच नहीं छह दिनों तक मनाया जाएगा दीपोत्सव, जानिए हर दिन का महत्व

    By Digital DeskEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:07 PM (IST)

    इस साल दीपोत्सव छह दिन तक चलेगा, जो पंचांग में बदलाव के कारण खास है। यह त्योहार धनतेरस से शुरू होकर दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक चलेगा। हर दिन का अपना महत्व है, जैसे धनतेरस पर खरीदारी, दीपावली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा और प्रकाश की विजय, गोवर्धन पूजा पर श्रीकृष्ण की आराधना, और भाई दूज पर भाई-बहन का स्नेह। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की जीत और खुशियों का प्रतीक है।

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    Diwali 2025: दीपोत्सव का धार्मिक महत्व।

    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। इस साल दीपोत्सव कुछ खास होने वाला है। आम तौर पर पांच दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार इस बार छह दिन तक चलेगा। पंचांग की तिथियों में बदलाव के कारण हर दिन का महत्व थोड़ा अलग है। 18 अक्टूबर से शुरू होकर 23 अक्टूबर तक हर दिन अपने आप में विशेष है। धनतेरस से लेकर दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज तक, हर दिन खुशियों, पूजा-पाठ और परंपरा से भरा रहेगा। आइए जानते हैं कि इस दीपोत्सव में कौन सा दिन क्या खास माना जाता है।

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    किस दिन क्या-क्या किया जाता है?

    18 से 19 अक्टूबर, धनतेरस: दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से होगी। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और वाहन खरीदना शुभ माना जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा कर स्वास्थ्य और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है। शाम को दीपदान से उत्सव का आरंभ होगा।

    20 अक्टूबर, दीपावली: यह दिन दीपोत्सव का सबसे पवित्र और प्रतीक्षित पर्व है। घरों में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा होती है। दीपक जलाकर अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश दिया जाता है। हर घर मिठाइयों, पकवानों और खुशियों से महक उठता है।

    21 अक्टूबर, अमावस्या: इस दिन पूरे दिन अमावस्या तिथि रहेगी। परंपरा के अनुसार, अमावस्या पर पूजा नहीं की जाती। इसलिए गोवर्धन पूजा अगले दिन की जाएगी।

    22 अक्टूबर, गोवर्धन पूजा: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। घरों और मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। यह पर्व प्रकृति, अन्न और भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर होता है।

    23 अक्टूबर, भाई दूज: दीपोत्सव का अंतिम दिन भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक है। बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख की कामना करती हैं, और भाई बहन को प्रेम व आशीर्वाद देते हैं।

    दीपावली: अंधकार पर प्रकाश की विजय

    दीपावली सिर्फ दीपक जलाने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह अंधकार पर उजाले की जीत का प्रतीक भी है। जैसे अंधेरे में एक छोटा दीपक रास्ता दिखाता है, वैसे ही यह पर्व हमें जीवन में नकारात्मकता और दुख पर विजय पाने की प्रेरणा देता है।

    इस दिन घर, आंगन और मंदिरों में दीपक सजाए जाते हैं, जिससे हर कोने में रौशनी फैलती है और मन को सुख, शांति और उमंग मिलती है। दीपावली की रौशनी केवल घर को नहीं, बल्कि हमारे रिश्तों और दिलों को भी उज्जवल बनाती है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।