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    Diwali 2024: कब और क्यों मनाई जाती है दीवाली? जानें इस पर्व से जुड़ी मान्यता

    Updated: Sat, 26 Oct 2024 11:02 AM (IST)

    दीवाली (Diwali 2024) के दौरान मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि उपासना के दौरान कई बातों का ध्यान का रखना चाहिए। पूजा के नियम का पालन न करने से जातक को मां लक्ष्मी की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस पर्व के धार्मिक महत्व के बारे में।

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    Diwali 2024 Date: दीवाली का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म के लोगों के लिए दीवाली का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस खास पर्व के लिए लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। दीवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की (Diwali 2024 Puja Vidhi) पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि विधिपूर्वक उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है और जातक और उसके परिवार के सदस्यों पर मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसती है। क्या आप जानते हैं कि दीवाली का त्योहार हर साल अधिक उत्साह के साथ क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसकी वजह के बारे में।  

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    ये है वजह

    दीवाली (Diwali Significance) को रोशनी के पर्व के नाम से भी जाना जाता है। इस खास अवसर पर धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि पाने के लिए मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। दीवाली के त्योहार को भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापस आने की खुशी में मनाया जाता है। प्रभु के आगमन पर अयोध्या नगरी को बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया था और नगरवासियों ने दीपक जलाकर भव्य स्वागत किया था। इसी खुशी में हर साल कार्तिक महीने में आने वाली अमावस्या पर दीवाली धूमधाम के साथ मनाई जाती है।  

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    2024 में कब है दीवाली? (Diwali 2024 Date and Time)

    पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट के बाद कार्तिक माह की प्रतिपदा शुरू हो जाएगी। वहीं, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ संयोग दोपहर बाद से रात्रि तक है। अत: प्रकांड पंडितों एवं ज्योतिषियों का कहना है कि 31 अक्टूबर के दिन दीवाली मनाना शुभ होगा।

    लक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त

    ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 49 मिनट से लेकर से 05 बजकर 41 मिनट तक।

    विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से लेकर  02 बजकर 39 मिनट तक।

    प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक।

    लक्ष्मी पूजा का समय- शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।