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    Dhanteras 2025: धनतेरस पर क्यों खरीदे जाते हैं सोना-चांदी और नए बर्तन?

    By Digital DeskEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Fri, 10 Oct 2025 02:56 PM (IST)

    धनतेरस दीपोत्सव की शुरुआत का प्रतीक है, जो सुख, समृद्धि और नए आरंभ का संदेश देता है। इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने की प्राचीन परंपरा है, क्योंकि मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि देव अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस दिन धातुएं और नई वस्तुएं खरीदना शुभ माना जाता है, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य व सौभाग्य की वृद्धि होती है। 

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    Dhanteras 2025: धन त्रयोदशी का धार्मिक महत्व।


    दिव्या गौतम, एस्ट्रोपत्री। धनतेरस का पर्व दीपोत्सव (दीवाली) की शुरुआत का प्रतीक है, जो सुख, समृद्धि और नए आरंभ का संदेश देता है। इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि देव अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिसके कारण इस तिथि को ‘धन त्रयोदशी’ कहा गया। तभी से इस दिन धातु और नई वस्तुएं खरीदने को शुभ माना गया, पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इस दिन सोना-चांदी और नए बर्तन खरीदने की परंपरा क्यों निभाई जाती है?

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    धन त्रयोदशी का धार्मिक महत्व

    हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि देव अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उनके हाथों में सोने का कलश था, इसलिए इस तिथि को ‘धन त्रयोदशी’ कहा गया। धन्वंतरि देव आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माने जाते हैं। इसलिए यह दिन स्वास्थ्य और समृद्धि दोनों की कामना का प्रतीक बन गया। माना जाता है कि इस दिन सोना, चांदी या नए बर्तन खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य, वैभव और सौभाग्य की वृद्धि होती है। 

    लोग इस दिन केवल आभूषण ही नहीं, बल्कि तांबे, पीतल और स्टील के बर्तन भी खरीदते हैं, क्योंकि यह धातुएं शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं। वहीं, लोहे या काले रंग की वस्तुएं खरीदना अशुभ माना जाता है, क्योंकि ये ग्रह-नकारात्मकता को दर्शाती हैं। धनतेरस का पर्व इस विश्वास के साथ मनाया जाता है कि आज का हर शुभ आरंभ भविष्य में अपार समृद्धि लेकर आएगा।

    धनतेरस पर करने वाले शुभ कार्य?

    धनतेरस का दिन सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य को बढ़ाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन कुछ सरल लेकिन असरदार उपाय करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशियों का संचार होता है।

    1. घर की सफाई:

    घर को अच्छे से साफ-सुथरा रखना बहुत शुभ माना जाता है। सफाई से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति और प्रसन्नता का वातावरण बनता है।

    2. दीपक जलाएं:

    दरवाजों, खिड़कियों और मुख्य स्थानों पर दीपक जलाने से घर में उजाला और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। यह मां लक्ष्मी और खुशियों को आमंत्रित करता है।

    3. कुबेर यंत्र स्थापित करें:

    धन के देवता कुबेर का यंत्र घर में रखने से धन और वैभव की वृद्धि होती है। यह आर्थिक स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।

    4. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां:

    धन्वंतरि देव आयुर्वेद के रक्षक हैं। इस दिन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां घर में रखना और उनका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।

    5. दान करें:

    जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करने से पुण्य मिलता है और मन में संतोष तथा करुणा का भाव बढ़ता है।

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    लेखक: दिव्या गौतम, Astropatri.com अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए hello@astropatri.com पर संपर्क करें।