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    Dhanteras 2024: धनतेरस पर शुभ मुहूर्त में इस सरल विधि से करें पूजा, मां लक्ष्मी की बरसेगी अपार कृपा

    Updated: Mon, 21 Oct 2024 10:16 AM (IST)

    दिवाली (Diwali 2024) के पर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2024) से होती है। हर साल धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान धन्वंतरि मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सोना-चांदी लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति समेत आदि चीजों को खरीदना शुभ होता है।

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    Dhanteras 2024: धनतेरस पर कैसे करें पूजा (Pic Credit- freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras 2024) से होती है। छोटी दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस के पर्व को मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में धनतेरस (Dhanteras Significance) के पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि, मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) और भगवान कुबेर की उपासना करने से जातक को जीवन में कभी भी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही धन से सदैव तिजोरी भरी रहती है और मां लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि धनतेरस की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।  

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    धनतेरस 2024 डेट और टाइम (Dhanteras 2024 Date and Time)

    पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 29 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 30 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 15 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। ऐसे में 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाया जाएगा।

    धनतेरस 2024 शुभ मुहूर्त (Dhanteras Shubh muhurat)

    धनतेरस पूजा मुहूर्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट से रात 08 बजकर 13 मिनट तक

    प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 38 मिनट से रात 08 बजकर 13 मिनट तक

    वृषभ काल - शाम 06 बजकर 31 मिनट से 09 बजकर 27 मिनट तक

     यह भी पढ़ें: Dhanteras 2024: धनतेरस पर न खरीदें ये चीजें, हो सकती है रुपए पैसों की किल्लत

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 48 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

    धनतेरस पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)

    धनतेरस के दिन सुबह जल्दी और उठें और स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें। चौकी पर मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी और कुबेर जी की प्रतिमा को विराजमान करें। दीपक जलाकर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद आरती करें। संग में भगवान गणेश की भी पूजा करें। कुबेर जी के मंत्र ओम ह्रीं कुबेराय नमः का 108 बार जप करें और धनवंतरी स्तोत्र का पाठ करें। इसके पश्चात मिठाई और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। श्रद्धा अनुसार दान करें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से धन लाभ के योग बनते हैं और जातक को आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।