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    Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी के दिन इस विधि से करें शालिग्राम जी की पूजा, जानें मंत्र और सामग्री

    Updated: Thu, 11 Jul 2024 12:07 PM (IST)

    देवशयनी एकादशी को बहुत कल्याणकारी माना गया है। इस तिथि पर श्री हरि की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग इस दिन भगवान विष्णु के साथ उनके शालिग्राम स्वरूप की पूजा करते हैं उनके घर कभी धन का अभाव नहीं रहता है। इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी।

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    Devshayani Ekadashi 2024: ऐसे करें शालिग्राम जी की पूजा -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवशयनी एकादशी को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल देवशयनी एकादशी 17 जुलाई को मनाई जाएगी। मान्यताओं के अनुसार, यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है, जो लोग इस शुभ अवसर श्री हरि की पूजा करते हैं, उन्हें सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    साथ ही घर की दरिद्रता का नाश होता है। ऐसे में जब देवशयनी एकादशी करीब है, तो आइए इस दिन होने वाली शालिग्राम की पूजा विधि जान लेते हैं।

    ऐसे करें शालिग्राम जी की पूजा

    देवशयनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें। भगवान विष्णु के समक्ष व्रत और पूजा संकल्प लें। एक वेदी स्थापित करें और उस पर भगवान विष्णु और भगवान शालिग्राम की प्रतिमा स्थापित करें। शालिग्राम जी का पंचामृत से अभिषेक करें। फिर शुद्ध जल और गंगाजल से अभिषेक करें। शालिग्राम जी को पीले वस्त्र अर्पित करें। उनका विधि अनुसार शृंगार करें। फूल, फल, धूप, दीप, कपूर, और नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें। पंचामृत और पंजीरी का भोग जरूर लगाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती से पूजा का समापन करें। व्रती पारण समय के अनुसार, व्रत का पारण करें। पूजा में हुई गलतियों के क्षमायाचना करें। इसके अलावा तामसिक चीजों से परहेज करें।

    पूजन सामग्री

    वेदी, शालिग्राम जी, गंगाजल, पंचामृत, शहद , पीले फूल और माला, तुलसी के पत्ते, ऋतु फल, धूप, दीप, कपूर, नैवेद्य, आसन, शुद्ध जल आदि।

    पूजन मंत्र

    • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
    • ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।