सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ में उमडे़ श्रद्धालु
सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की और चारों ओर 'बम-बम भोले' के स्वर गूंज उठे। श्रद्धालुओं के आगमन का यह हाल था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में तो रविवार रात
वाराणसी। सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर समेत विभिन्न शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की और चारों ओर 'बम-बम भोले' के स्वर गूंज उठे। श्रद्धालुओं के आगमन का यह हाल था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के रास्ते में तो रविवार रात 8 बजे से ही श्रद्धालु कतार में खड़े हो गए। इनमें सबसे अधिक संख्या कांवड़ियों की थी।
सुबह जैसे ही ब्रह्म मुहूर्त में विश्वनाथ मंदिर का द्वार खुला मंगला आरती में शामिल होने वालों का जत्था 'हर-हर महादेव' का घोष करते हुए परिसर में पहुंच गया। लगभग एक घंटे के इस विशिष्ट आयोजन के बाद कतार में लगे अन्य श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किए।
सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
मंदिर परिसर की संवेदनशीलता को देखते हुए सामान्य दिनों की अपेक्षा इस समय मंदिर परिसर की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। हर स्थिति से निपटने के लिए कमांडो, आरएएफ और पीएसी की टुकड़ी तैनात है। परिसर के आसपास की छतों पर सुरक्षा बल के जवान बकायदा मोर्चा लगाए खड़े हैं।
बड़ी संख्या में सेवादार
स्वयंसेवी संगठन के सैकड़ों सेवादार इन शिवभक्तों को पानी पिलाने से लेकर शर्बत पिलाने का काम कर रहे हैं ताकि उमस और गरमी से श्रद्धालुओं को थोड़ी राहत मिल सके। इसके अलावा पूरे इलाके में कई स्वास्थ्य और सहायता शिविर भी लगा रखे हैं।
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