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    Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर करें इन विशेष चीजों का दान, कभी नहीं होगी धन की कमी

    Updated: Tue, 12 Nov 2024 11:01 AM (IST)

    हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत करने का विधान है। पंचांग के अनुसार इस बार देवउठनी एकादशी व्रत आज यानी 12 नवंबर को है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख (Dev Uthani Ekadashi 2024 Daan) बातों को जानते हैं।

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    Dev Uthani Ekadashi 2024: देवउठनी एकादशी पर करें इन चीजों का दान।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सभी एकादशी तिथि में देवउठनी एकादशी का व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। साधक इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। पंचांग के अनुसार, एकादशी प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि इस व्रत (Dev Uthani Ekadashi 2024) को रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। वहीं, इस दिन दान- पुण्य करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस तिथि पर दान और पुण्य करते हैं, उनके घर में कभी सुख-समृद्धि का अभाव नहीं रहता है, तो आइए जानते हैं कि इस दिन क्या दान करना चाहिए?

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    देवउठनी एकादशी पर करें इन चीजों का दान (Dev Uthani Ekadashi 2024 Daan)

    देवउठनी एकादशी पर पीले वस्त्र, मुरली, धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, उड़द, वस्त्र, सिंघाड़ा, शकरकंदी, गन्ना, मौसमी फल, केसर, केला, हल्दी, मोर पंख और शंख आदि का दान करना शुभ माना जाता है। दान करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका जिक्र किसी तीसरे व्यक्ति से गलती से न करें, क्योंकि दान को जितना हो सके उतना छिपा कर करना चाहिए। वहीं, अगर आप ये सभी चीजें इस पावन दिन (Dev Uthani Ekadashi 2024) पर दान (Donate This on Dev Uthani Ekadashi 2024) करते हैं, तो इससे आपका आर्थिक विकास होगा और जीवन में कभी किसी चीज का अभाव नहीं रहेगा।

    देवउठनी एकादशी तिथि और समय (Dev Uthani Ekadashi 2024 Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को शाम 06 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 12 नवंबर को शाम 04 बजकर 04 मिनट पर होगा। ऐसे में 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। साथ ही इसके अगले दिन तुलसी विवाह का पर्व भी मनाया जाएगा, जो लोग इस व्रत का पालन कर रहे हैं, उन्हें पारण समय के अनुसार ही पारण करना चाहिए, क्योंकि तभी व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।

    देवउठनी एकादशी पूजा मंत्र (Dev Uthani Ekadashi 2024 Mantra)

    1. शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

    विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

    लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म ।

    वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम।।

    2. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।

    तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।