Dev Diwali 2022 Niyam: देव दीपावली के दिन पूजा-पाठ के दौरान बरतें ये सावधानी, मिलेगा माता लक्ष्मी का आशीर्वाद
Dev Diwali 2022 कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन देव दीपावली पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष नियमों को ध्यान रखना आवश्यक माना जाता है।

नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Dev Diwali 2022 Niyam: कार्तिक मास को बहुत पवित्र महीना माना जाता है। इसमें पड़ने वाले सभीवर्त त्योहारों का विशेष महत्व है। इन्हीं में से एक है देव दीपावली पर्व। जिसे काशी समेत पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि देव दीपावली के दिन पूजा पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है। इस वर्ष देव दीपवाली पर्व पर्णिमा तिथि के दिन यानि 7 नवम्बर (Dev Diwali 2022 Date) के दिन मनाई जाएगी।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी-देवता मां गंगा में स्नान करने के लिए धरती लोक पर आते हैं। इसलिए उनके स्वागत के लिए वाराणसी समेत कई घाटों पर लाखों की संख्या में दीप प्रज्वलित किए जाते हैं। लेकिन इस दिन पूजा-पाठ के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना बहुत आवश्यक माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि देव दीपवाली के सन्दर्भ में दिए गए नियमों का पालन करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उन पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
देव दीपावली 2022 नियम (Dev Diwali 2022 Rules)
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कार्तिक शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन भक्तों को तामसिक भोजन से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी भी हाल में मदिरा और मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
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देव दीपावली के दिन धन से सम्बन्धित लेन-देन नहीं करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन आप न तो किसी को पैसा दें और ना उनसे कर्ज के रूप में पैसा लें।
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देव दीपावली के दिन नाखून और बाल काटना वर्जित है। साथ ही इस दिन देर तक भी सोना अशुभ माना जाता है। इस नियम का पालन करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
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देव दीपावली पर इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर में हर तरफ स्वच्छता अवश्य हो। यहां तक किसी भी कोने में मकड़ी का जाला तक ना हो। ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भक्तों पर सदैब बना रहता है। अन्यथा वह नाराज होकर घर से लौट जाती हैं।
इस विशेष अवसर पर इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि घर में किसी भी प्रकार का झगड़ा या वाद-विवाद न उत्पन्न हो। पूरे दिन मधुर व्यवहार रखें और जरूरतमंद लोगों को दान में अन्न-धन प्रदान करें।
मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और उनपर सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
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