Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    December Durga Ashtami 2024: दिसंबर महीने में कब है दुर्गा अष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Tue, 03 Dec 2024 08:47 PM (IST)

    मासिक दुर्गा अष्टमी पर जगत की देवी मां दुर्गा (December Durgashtami 2024 Date) और भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस शुभ तिथि पर मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

    Hero Image
    December Durga Ashtami 2024: मासिक दुर्गा अष्टमी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर जग की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। इसके साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही मां दुर्गा की कृपा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा-उपासना (December Durga Ashtami Puja Vidhi) करते हैं। तंत्र सीखने वाले साधक दुर्गा अष्टमी पर मां दुर्गा की कठिन साधना करते हैं। आइए, दिसंबर माह की दुर्गा अष्टमी की तिथि एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: कब मनाई जाएगी गीता जयंती? जानें इस दिन का महत्व और पूजा नियम

    दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 08 दिसंबर को भारतीय समयानुसार सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर होगी। वहीं, अष्टमी तिथि की समाप्ति 09 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 02 मिनट पर होगी। निशा काल में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अत: 08 दिसंबर को दिसंबर महीने की दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी।

    मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ योग (Masik Durga Ashtami Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर वणिज एवं बव करण का निर्माण हो रहा है। बव करण के दौरान मां दुर्गा की पूजा की जाएगी। वहीं, साधक प्रातः काल में भी वणिज करण के दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। इस शुभ अवसर पर शतभिषा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही अभिजीत मुहूर्त का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

    चन्द्रोदय- दोपहर 12 बजकर 27 मिनट पर

    चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 09 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: कब मनाई जाएगी गीता जयंती? जानें इस दिन का महत्व और पूजा नियम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।