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Chinese Kali Mandir: एक ऐसा मंदिर जहां मां काली को लगता है नूडल्स का भोग, जानें इस धाम की अनोखी परंपरा

बंगाल की राजधानी कोलकाता में देवी काली (Chinese Kali Mandir in Kolkata) का एक ऐसा मंदिर स्थित है जहां मां को भोग के रूप में नूडल्स चढ़ाने की परंपरा है। यह चाइनीज प्रसाद काली मंदिर की परंपरा आस्था और भक्ति की स्थायी शक्ति के प्रमाण का प्रतीक है तो आइए इस धाम से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Published: Sat, 25 May 2024 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2024 03:26 PM (IST)
Chinese Kali Mandir in Kolkata: क्यों चढ़ता है मां काली को चाइनीज खाना ?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chinese Kali Mandir in Kolkata: भारत देश अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां अनेकों मंदिर और अलग-अलग प्रकार की मान्यताएं हैं, जिनसे लोगों की श्रद्धा जुड़ी हुई है। ऐसा ही एक कोलकाता का प्रसिद्ध काली मंदिर है, जहां लोग भक्ति भाव के साथ साथ दर्शन के लिए जाते हैं। यह मंदिर श्रद्धा के प्रतीक के रूप में खड़ा है। इस चमत्कारी धाम की सुंदरता और इसकी एक अनूठी परंपरा, इसे दूसरे मंदिरों से अलग बनाती है।

दरअसल, इस मंदिर में प्रसाद के रूप में नूडल्स का उपयोग किया जाता है, जो कुछ लोगों के लिए काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि अधिकतर हिंदू मंदिरों में सात्विक खाने का ही भोग लगाया जाता है, तो आइए इसके पीछे का रहस्य जानते हैं -

क्यों चढ़ता है मां काली को चाइनीज खाना ?

यह काली मंदिर बंगाल की राजधानी कोलकाता के तांग्रा नाम की एक जगह पर स्थित है। इसे चाइना टाउन के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें, चीन गृहयुद्ध के दौरान यहां चीन के कई लोग शरणार्थी बनकर रहने लगे थे। और उन्होंने चीन की प्रथा के समान, इस मंदिर में काली माता को नूडल्स चढ़ाना शुरू कर दिया।

इसके बाद यह परंपरा भोग के रूप में विकसित हुई, जिसे आज भी प्रसाद के रूप में परोसा जाता है। आपको बता दें, प्रसाद के रूप में नूडल्स परोसने की यह अनूठी परंपरा अब काली मंदिर का एक प्रिय हिस्सा बन गई है।

इंडो-चाइनीज प्रसाद का चलन

बताते चलें कि यह चाइनीज प्रसाद काली मंदिर की परंपरा, आस्था और भक्ति की स्थायी शक्ति के प्रमाण का प्रतीक है। इस भोग को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान सिर्फ प्रेम के भूखे हैं, उन्हें प्यार से कुछ भी भेंट किया जाए, तो वे स्वीकार्य करते हैं।

यही वजह है कि आज भी यहां पर इंडो-चाइनीज प्रसाद का चलन है, जिसमें नूडल्स, चॉप्सी और फ्राइड राइस, मोमोज आदि को शामिल किया गया है।

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