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    Nakshatra Gyan: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों में होते हैं भगवान श्रीकृष्ण के जैसे गुण

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Wed, 06 Sep 2023 04:36 PM (IST)

    Nakshatra Gyan हर वर्ष भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण दार्शनिक एवं निष्काम कर्मयोगी थे। उन्होंने महाभारत काल में अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता उपदेश देकर जीवन के यथार्थ से अवगत कराया। भगवान श्रीकृष्ण के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। ज्योतिषियों की मानें तो रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक में कई विशेष गुण होते हैं।

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    Nakshatra Gyan: इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों में होते हैं भगवान श्रीकृष्ण के जैसे गुण

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Nakshatra Gyan: हर वर्ष भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ है। अतः हर वर्ष भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण दार्शनिक एवं निष्काम कर्मयोगी थे। उन्होंने महाभारत काल में अपने परम शिष्य अर्जुन को गीता उपदेश देकर जीवन के यथार्थ से अवगत कराया। भगवान श्रीकृष्ण के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। ज्योतिषियों की मानें तो रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक में कई विशेष गुण होते हैं। आइए, रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक के स्वभाव के बारे में जानते हैं-

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    प्रथम चरण

    ज्योतिषियों की मानें तो रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने वाले जातक पर मंगल का प्रभाव रहता है। ऐसे जातक गुस्से के तेज होते हैं। भविष्य में कारोबारी बनते हैं। ये जातक शौकीन और खर्चीले होते हैं। हालांकि, ये स्वभाव से बेहद शांत होते हैं।

    दूसरा चरण

    इस चरण में जन्म लेने वाले जातक अपने जीवन में धनवान बनते हैं। इनका समाजिक दायरा बहुत बड़ा होता है। ऐसे लोग भौतिक दुनिया से जुड़े होते हैं। अतः खाने-पीने और पहनने के शौकीन होते हैं। इनकी वाणी में तेज होता है।

    तीसरा चरण

    रोहिणी नक्षत्र के तीसरे चरण में जन्म लेने वाले जातकों में धैर्य की कमी होती है। ये जल्दबाजी में काम करते हैं। ये अपने जीवन में कारोबारी बनते हैं। निवेश करने में आगे रहते हैं। इसके चलते इन्हें नुकसान भी उठाना पड़ता है। ऐसे लोगों को ब्रह्मांड में अधिक रुचि रहती है।

    चौथा चरण

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    रोहिणी नक्षत्र के चौथे चरण में जन्म लेने वाले जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। धर्म-कर्म में अधिक रुचि रखते हैं। ये उपदेशक भी होते हैं। कुल मिलाकर कहें तो चौथे चरण में जन्म लेने वाले जातक भगवान कृष्ण के मित्र सुदामा समान होते हैं। अतः भौतिक जीवन से कम स्नेह रहता है।

    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।