Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chhath Puja 2024 Bhajan: इन भक्ति गीतों के साथ करें छठी मैया की पूजा, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

    Updated: Thu, 07 Nov 2024 03:59 PM (IST)

    सनातन धर्म में छठ पूजा के महापर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस त्योहार को बिहार समेत देशभर में उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान लोग छठी मैया के भजन गाते हैं जिससे घर से लेकर घाट तक माहौल भक्तिमय होता है। आइए सुनते हैं छठी मैया के कुछ प्रसिद्ध (Chhath Puja ke Geet) भजन।

    Hero Image
    Chhath Puja Song: छठी मैया के टॉप भजन (Pic Credit- Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देशभर में छठ पूजा के पर्व को बेहद उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस महापर्व की शुरुआत 05 नवंबर से हो गई है। पहले दिन नहाए-खाय किया गया है और आज यानी 07 नवंबर को इसका तीसरा दिन है। इस उत्सव के दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। लोग घरों और घाटों पर छठी मैया के भजन गातें है। अगर आप भी छठ पूजा के दिन माहौल को भक्तिमय बनाना चाहते हैं, तो आप इस आर्टिकल में दिए गए छठी मैया के भजन (Chhath Puja 2024 Bhajan) सुन सकते हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इस दिन व्रती महिलाएं तालाब और नदी में स्नान करती हैं। इसके बाद नए चूल्हे और बर्तन में कच्चे चावल का भात, चना दाल और कद्दू या लौकी का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद को बनाते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस पर्व के दौरान लोग छठी मैया (Chhath Puja Geet Ke Lyircs) के भजन सुनना बेहद पसंद करते हैं।

    छठ पर्व के दूसरे दिन खरना पूजा होती है। इस बार खरना पूजा आज यानी 06 नवंबर को है। इस दिन गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है, जिसके बाद उसे भोग के रूप में छठी मैया को अर्पित किया जाता है। छठ पूजा के प्रसाद को बनाते समय कई महिलाएं छठी मैया के भजन (Chhath Puja Song Lyrics) को सुनती हैं, जिसे घर का वातावरण भक्तिमय होता है।

    यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: क्या है छठ पूजा में नहाय-खाय का महत्व, आखिर क्यों है यह इतना महत्वपूर्ण?

    इसके अगले दिन यानी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर व्रत और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन लोग तालाब, झील या नदी में सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस दौरान बहुत ही खास रौनक देखने को मिलती है, क्योंकि तालाब और झील पर छठी मैया के भजन (Chhath Puja Geet Arag) सुनने को मिलते हैं।

    इसके बाद अष्टमी तिथि पर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है और लोगों में छठी मैया के प्रसाद का वितरण किया जाता है।

    यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: छठ पूजा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, व्रत से पहले जानें इसके नियम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।