Chhath Puja 2023: इस साल कब है छठ पूजा? जानिए क्या है नहाय-खाय और खरना का महत्व
Chhath Puja 2023 Date पंचांग के अनुसार छठ पूजा प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ऐसे में छठ पूजा वर्ष का एकमात्र समय है जब डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। कई स्थानों पर छठ पूजा को प्रतिहार डाला छठ छठी और सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Chhath Puja 2023: छठ पूजा हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्यौहार मुख्यतः सूर्य देव को समर्पित है। छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की 4 दिन पूजा की जाती है। छठ पूजा मुख्यतः बिहार और उसके आसपास के क्षेत्रों में मनाई जाती है। छठ पूजा का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संतान की सलामती और परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल छठ पूजा, नहाय खाय और खरना किस दिन किया जाएगा।
नहाय खाय का दिन
छठ पूजा के दौरान सूर्य देव की पूजा चार दिनों तक चलती है। छठ के पहले दिन को नहाय खाय के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा आदि में स्नान किया जाता है। छठ का व्रत करने वाली महिलाएं नहाय खाय के दिन केवल एक बार भोजन करती हैं। इस साल नहाय खाय 17 नवंबर, 2023 को किया जाएगा।
खरना की तारीख
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रखा जाता है। सूर्यास्त के तुरंत बाद भोजन बनाकर सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। दूसरे दिन प्रसाद ग्रहण करने के बाद तीसरे दिन का व्रत शुरू होता है। इस वर्ष 18 नवंबर, 2023 को किया जाएगा।
छठ पूजा का संध्या अर्घ्य
छठ पूजा के तीसरे दिन भी निर्जला व्रत रखा जाता है। साथ ही इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। तीसरे दिन का उपवास पूरी रात चलता है और छठ के व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। वर्ष 2023 में छठ पूजा का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर, 2023 को दिया जाएगा।
व्रत का पारण
छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसे उषा अर्घ्य भी कहते हैं। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। ऐसे में छठ के व्रत का पारण 20 नवंबर, 2023 को किया जाएगा।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।