Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chhath Puja Katha: जानिए, लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत की पौराणिक कथाएं

    By Jeetesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 11 Nov 2021 06:00 AM (IST)

    Chhath Puja 2021 छठ पर्व में भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मैय्या का पूजन किया जाता है।छठ पर्व का उल्लेख रामायण महाभारत और पुराणों में भी मिलता है। आइए जानते हैं छठ पर्व की पौराणिक कथाओं के बारे में...

    Hero Image
    Chhath Puja 2021: जानिए, लोक आस्था के महापर्व छठ व्रत की पौराणिक कथाएं

    Chhath Puja 2021: लोक आस्था का महापर्व छठ आज नहाया-खाय से शुरू होगा। ये पर्व सप्तमी तिथि तक अगले चार दिन तक चलेगा। डूबते सूर्य का अर्घ्य 10 नवंबर, दिन बुघवार को दिया जाएगा। छठ पर्व में भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मैय्या का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि छठी मैय्या के पूजन से संतान सुख तथा संतान को दीर्ध आयु और स्वास्थ्य मिलता है। हालांकि छठ पर्व लोक आस्था का पर्व है। प्रारंभ में ये पर्व बिहार,झारखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्वाचंल में मनाया जाता था, लेकिन आज ये देश के कोने-कोने में मनाया जाने लगा है। छठ पर्व का उल्लेख रामायण, महाभारत और पुराणों में भी मिलता है। आइए जानते हैं छठ पर्व की पौराणिक कथाओं के बारे में...

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छठ पर्व का पौराणिक विवरण

    भगवान सूर्य की आराधना के छठ पर्व की शुरूआत का श्रेय सूर्य पुत्र कर्ण को दिया जाता है। महाभारत में वर्णन है कि कर्ण रोज जल में आधा डूब कर सूर्य देव को अर्घ्य देता था। तब से ही सूर्य देव को इस प्रकार से अर्घ्य प्रदान करने की परंपरा शुरू हुई है। हालांकि इसके अलावा महाभारत में कुंती और द्रौपदी के भी छठ का व्रत रखने का उल्लेख मिलता है। भगवान सूर्य के प्रताप से ही कुंती को कर्ण जैसा पुत्र प्राप्त हुआ था। द्रोपदी के छठ का व्रत रखने से पांडवों को जुए में हारा हुआ राज पाट वापस मिला था।

    रामायण में भी सूर्य पूजा और छठ पर्व का उल्लेख मिलता है। भगवान राम सूर्यवंशीय क्षत्रिय थे, उनके कुल देव भगवान सूर्य ही थे। वर्णन है कि रामराज्य की स्थापना के पहले भगवान राम-सीता ने कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन भगवान सूर्य का पूजन किया था।

    इसके अतिरिक्त मार्कण्डेय पुराण में छठी मैय्या और छठ पर्व का उल्लेख मिलता है। पुराण के अनुसार छठी मैय्या प्रकृति की अधिष्ठात्री देवी हैं और भगवान सूर्य की बहन हैं। सुहागिन महिलाओं को संतान का सुख और संतान को दीर्ध आयु तथा सौभाग्य प्रदान करती हैं। शिशु जन्म के छठे दिन इन्हीं छठी मैय्या का पूजन होता है। इनके प्रताप से ही संतान सुख और समृद्धि प्राप्त करती हैं।

    डिस्क्लेमर

    ''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''