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Narsingh Mantra: गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, कट जाएंगे जीवन में किए हुए सारे पाप

Narsingh Mantra ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों की कुंडली में गुरु मजबूत होता है। उनको करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। अतः कुंडली में गुरु मजबूत रहना जरूरी है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Wed, 07 Jun 2023 03:08 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2023 03:08 PM (IST)
Narsingh Mantra: गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, कट जाएंगे जीवन में किए हुए सारे पाप

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Narsingh Mantra: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा-उपासना की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों की कुंडली में गुरु मजबूत होता है। उनको करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। अतः कुंडली में गुरु मजबूत रहना जरूरी है। इस दिन विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां भगवान विष्ण के निमित्त व्रत भी करती हैं। इससे विवाहित महिलाआों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों की शादी शीघ्र हो जाती है। धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जगत के पालनहार का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। अगर आप भी भगवान श्रीहरि की कृपा- दृष्टि पाना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन इन मंत्रों का जाप करें-

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1. संकटमोचन नरसिंह मंत्र

ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।

अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।

2. आपत्ति निवारक मंत्र

ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।

नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥

3. नरसिंह गायत्री मंत्र

ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि |

तन्नो नरसिंह प्रचोदयात ||

4. बाधा नाशक नरसिंह मंत्र

“ॐ नृम मलोल नरसिंहाय पूरय-पूरय”

5. ऋण मोचक नरसिंह मंत्र

“ॐ क्रोध नरसिंहाय नृम नम:”

6. शत्रु नाशक नरसिंह मंत्र

“ॐ नृम नरसिंहाय शत्रुबल विदीर्नाय नमः”

7. नरसिंह यश रक्षक मंत्र

“ॐ करन्ज नरसिंहाय यशो रक्ष”

8. नरसिंह मंत्र

ॐ नमो भगवते तुभ्य पुरुषाय महात्मने हरिंऽद्भुत सिंहाय ब्रह्मणे परमात्मने।

ॐ उग्रं उग्रं महाविष्णुं सकलाधारं सर्वतोमुखम्।

नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्।

9. विष्णु मंत्र

विष्णु रूपं पूजन मंत्र-शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।

विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।

लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।

10. ध्यान मंत्र:

रत्नाष्टापद वस्त्र राशिममलं दक्षात्किरनतं करादासीनं,

विपणौकरं निदधतं रत्नदिराशौ परम्।

पीतालेपन पुष्प वस्त्र मखिलालंकारं सम्भूषितम्,

विद्यासागर पारगं सुरगुरुं वन्दे सुवर्णप्रभम्।।

डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी


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