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    Chandra Grahan 2022: देव दिवाली पर लगेगा चंद्र ग्रहण, राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए करें ये उपाय

    By Pravin KumarEdited By:
    Updated: Wed, 26 Oct 2022 03:34 PM (IST)

    Chandra Grahan 2022 भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं भारत में चंद्र ग्रहण शाम के 5 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा।

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    Chandra Grahan 2022: देव दिवाली पर लगेगा चंद्र ग्रहण, राहु-केतु के दुष्प्रभाव से बचाव के लिए करें ये उपाय

    नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Chandra Grahan 2022: हिंदी पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली मनाई जाती है। इस मौके पर देवी और देवता दिवाली मनाने धरती पर आते हैं। इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर को है। इस दिन चंद्र ग्रहण भी पड़ रहा है। यह वर्ष का आखिरी ग्रहण है। भारत समेत दुनिया के कई देशों में एकसाथ चंद्र ग्रहण दिखेगा। भारतीय समय के अनुसार, चंद्र ग्रहण दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर शाम 7 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगा। वहीं, भारत में चंद्र ग्रहण शाम के 5 बजकर 30 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि पृथ्वी और चन्द्रमा के बीच सूर्य के आ जाने पर चंद्र ग्रहण लगता है। इस दौरान राहु और केतु का प्रकोप पृथ्वी पर रहता है। सनातन शास्त्रों में कहा गया है कि चिरकाल में समुद्र मंथन के समय भगवान श्रीहरि विष्णु जी ने अमृत पान करने के लिए वध कर दिया था। उस समय राहु और केतु को चन्द्रमा और पृथ्वी की छाया में स्थान दिया गया है। भारत में चंद्र ग्रहण प्रभावी रहेगा। इस दिन सूतक भी मान्य होगा। ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्ति का संचार होता होता है। इसके चलते बने काम भी बिगड़ जाते हैं। इसके दुष्प्रभाव से बचाव के लिए निम्न उपाय जरूर करें। आइए जानते हैं-

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    -चंद्र ग्रहण के दौरान बुरे प्रभावों से बचाव के लिए गुरु मंत्र का जाप करना फायदेमंद होता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान  ‘ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’का जाप करें।

    -इस दिन राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है। इसके लिए ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें।

    तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।

    हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥

    शास्त्रों में निहित है कि राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ने पर व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। इसके लिए ग्रहण के दौरान राहु और केतु के प्रभाव से बचाव के लिए मंत्र जाप अवश्य करें।

    -धर्म पंडितों की मानें तो ग्रहण के दौरान तुलसी के पत्ता का सेवन करना फायदेमंद होता है।

    ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय

    जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।

    इस मंत्र जाप से व्यक्ति पर पड़ने वाली नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। साथ ही व्यक्ति को शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। शत्रु पर विजय पाने के लिए चंद्र ग्रहण के दौरान इस मंत्र का एक माला जरूर जाप करें।

    डिसक्लेमर-

    'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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