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    Chandra Grahan 2025 Time: भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया, यहां पढ़ें सूतक काल का समय

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 09:44 AM (IST)

    सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) को अशुभ माना जाता है। इस बार साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज यानी 07 सितंबर को लगने जा रहा है। इस दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही है। चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव लोगों पर पड़ता है। ऐसे में इस प्रभाव से बचाव के लिए उपाय जरूर करें। ऐसे में आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण से जुड़ी जरुरी बातें।

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    चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lunar Eclipse 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद पूर्णिमा आज यानी 07 सितंबर (Chandra Grahan 2025 Date) को मनाई जा रही है। इस बार भाद्रपद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का साया रहेगा।

    यह चंद्र ग्रहण साल का दूसरा और अंतिम है। सनातन धर्म में चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य और चंद्रमा बीच के पृथ्वी के आने पर सूर्य की किरणे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए चंद्र ग्रहण लगता है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि चंद्र ग्रहण कब से शुरू होगा और इसका सूतक काल क्या होगा।

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    चंद्र ग्रहण 2025 टाइम और डेट (Chandra Grahan 2025 Start and End Time)

    07 सितंबर को चंद्र ग्रहण (chandra grahanam timings in september 2025) का साया रहेगा। चंद्र ग्रहण (grahanam dates in 2025 in india) की शुरुआत 07 सितंबर को रात 09 बजकर 58 मिनट पर होगी, जिसका समापन 08 सितंबर को देर रात 01 बजकर 26 मिनट पर होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा।

    सूतक टाइम (Sutak Time for Chandra Grahan 2025)

    सूतक काल की शुरुआत- 07 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर

    सूतक काल का समापन- 08 सितंबर को देर रात 01 बजकर 26 मिनट तक

    कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण?

    चंद्र ग्रहण भारत (bharat me chandra grahan kab lagega 2025) के अलावा एशिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में देखने को मिलेगा।

    करें ये काम

    चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव लोगों पर पड़ता है। ऐसे में इस प्रभाव से बचाव के लिए चंद्र ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान कर घर और मंदिर की साफ-सफाई करें। इसके बाद घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद पूजा-अर्चना करें और चंद्र देव के नामों का जप करें। साथ ही विशेष चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस उपाय को करने से चंद्र ग्रहण का अशुभ प्रभाव दूर होता है।

    इन बातों का रखें ध्यान

    • चंद्र ग्रहण के समय पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए।
    • मंदिर के कपाट को बंद कर दें और न ही किसी देवी-देवता की प्रतिम को स्पर्श करें।
    • चंद्र ग्रहण के बाद पूजा करें और गरीब लोगों या मंदिर में दान करें।
    • इसके अलावा चंद्र ग्रहण की अवधि के दौरान नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें।

    चंद्र देव मंत्र

    1. प्रियंगुकलिकाश्यामं रुपेणाप्रतिमं बुधम ।

    सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम ।।

    2. ऊँ चन्द्रपुत्राय विदमहे रोहिणी प्रियाय धीमहि तन्नोबुध: प्रचोदयात ।

    3. ऊँ दधिशंखतुषाराभं क्षीरोदार्णवसंभवम ।

    नमामि शशिनं सोमं शंभोर्मुकुटभूषणम ।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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