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    Chandra Grahan 2023: कब लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानिए इसके प्रकार

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 06:19 PM (IST)

    Chandra Grahan 2023 साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को लग चुका है। अब इस वर्ष का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने वाला है। चंद्र ग्रहण केवल वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक रूप से भी विशेष महत्व रखता है। आइए जानते हैं कि साल का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगने वाला है। साथ ही यह भी जानेंगे कि चंद्र ग्रहण कितने प्रकार के होते हैं।

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    Chandra Grahan 2023 कब लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Chandra Grahan 2023 Date: साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को लगेगा। साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को देर रात 1:06 बजे शुरू होगा और 2:22 बजे समाप्त होगा। ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा और भारत में भी दिखाई देगा। इस कारण सूतक काल भी भारत में मान्य होगा।

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    कितने प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण

    चंद्र ग्रहण के तीन अलग-अलग रूप पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और पेनुमब्रल या उपछाया चंद्रग्रहण हैं। आइए इन तीनों के विषय में विस्तारपूर्वक जानते हैं।

    कब लगता है पूर्ण चंद्र ग्रहण

    सूर्य ग्रहण की तरह चंद्र ग्रहण भी तीन तरह के होते हैं। पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस बीच ऐसा समय आता है जब पृथ्‍वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं। पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है। इसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है।

    कैसे लगता है आंशिक चंद्र ग्रहण

    जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी पूरी तरह न आकर केवल इसकी छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है। आंशिक चंद्र ग्रहण लंबे समय के लिए नहीं लगता है, लेकिन ज्योतिष के हिसाब से इसमें भी सूतक के सारे नियमों का पालन करना जरूरी होता है।

    उपच्छाया चंद्र ग्रहण का अर्थ

    जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के आकार पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन चांद की रोशनी में हल्का सा धुंधलापन आ जाता है और चंद्रमा मटमैले रंग का दिखाई पड़ता है। इसे वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं माना जाता है इसलिए इस चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक के नियम लागू नहीं होते।

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'