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    27 जुलार्इ पड़ रहा है सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण जाने इसकी कुछ खास बातें

    By Molly SethEdited By:
    Updated: Fri, 27 Jul 2018 01:14 PM (IST)

    2018 में जुलाई माह की 27 तारीख को पड़ने वाला है सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण, करीब 104 वर्ष बाद बन रही इस स्थिति के बारे में कुछ खास तथ्य जानें पंडित दीपक पांडे से।

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    27 जुलार्इ पड़ रहा है सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण जाने इसकी कुछ खास बातें

    विशेष है ये ग्रहण 

    वैसे तो जुलार्इ माह में दो चंद्र ग्रहण नजर आ रहे हैं जिसमें से पहला विगत 13 जुलाई को हो चुका है, आैर वह भारत में दिखाई नहीं दिया था। अब 27 जुलाई को पड़ने वाला दूसरा ग्रहण कर्इ मायनों में महत्वपूर्ण है पहली बात तो यही है कि ये ग्रहण इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है। इसी के चलते ये दुनिया भर के ज्योतिषियों के लिए ही नहीं बल्कि नासा आैर उसके जैसी कर्इ खगोलीय गतिविधियों पर शोध करने वाली संस्थाआें के लिए भी अत्यंत महत्व का विषय बना हुआ है। इस ग्रहण को लेकर सभी के मन में अलग-अलग धारणाये हैं। इसके साथ ही इस बार ये गुरुपूर्णिमा के दिन पड़ रहा है। ये आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा शुक्रवार उत्तराषाढ़ा नक्षत्र मकर राशि पर होगा। इस लिए इस राशि और नक्षत्र वाले लोग विशेष सावधानी बरतनी होगी। 

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    क्या होगी ग्रहण की अवधि आैर कहां दिखेगा 

    27 जुलाई 2018 को आषाढ़ शुक्लपक्ष पूर्णिमा के दिन पड़ने वाला खण्डग्रास चंद्रग्रहण 27 तारीख की रात से शुरू होकर 28 जुलाई 2018 के प्त काल तक चलेगा। ये ग्रहण भारत सहित पूरे एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रोलिया, अफ्रिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत, हिन्द तथा अटलांटिक महासागर में अलग-अलग रूपों में दिखाई देगा। हालांकि उत्तरी अमेरिका  और अंटार्कटिका में यह नहीं देखा जा सकेगा। इस चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 55 मिनट की होगी। 27 जुलाई को रात 22:54 पर ग्रहण का स्पर्श होगा, इसका मध्य काल रात्रि 01:53 बजे पर होगा आैर मोक्ष 28 तारीख को 03:51 मिनट पर होगा। 

    ग्रहण का प्रभाव 

    आइये जााने कि विभिन्न क्षेत्रों में इस ग्रहण का प्रभाव कैसा होगा। पंडित जी के अनुसार क्योंकि ये सदी का सबसे लंबी अवधि का चंद्र ग्रहण है तो इसका प्रभाव भी व्यापक ही होगा। ज्योतिषिय गणनाके मुताबिक इस अवधि में दुर्घटनाआें में कमी आयेगी, विषेश रूप से हवार्इ आैर रेल हादसे कम होंगे। साथ ही इस दौरान चाहे राजनीतिक फैसले हों या आर्थिक आम जनता के हित में सामने आयेंगे। दूसरी आेर कृषकों आैर खेती के लिए यह समय अच्छे संकेत नहीं ला रहा है। खण्ड वृष्टि यानि कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ का प्रभाव नजर आयेगा।