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    Chanakya Niti Tips: मरने के बाद ये एक चीज साथ लेकर जाता है इंसान, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

    By Suman SainiEdited By: Suman Saini
    Updated: Thu, 29 Jun 2023 05:04 PM (IST)

    Chanakya Niti Tips सनातन धर्म में माना गया है कि मरने के बाद मनुष्य अपने साथ कुछ भी नहीं लेकर जाता। जो सत्य भी है। लेकिन आचार्य चाणक्य का कहना है कि मरने के बाद भी मनुष्य अपने साथ एक चीज लेकर जाता है। आइए जानते हैं कि चाणक्य की नीति के अनुसार वह चीज क्या है जो मृत्यु के बाद भी मनुष्य के साथ जाती है।

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    Chanakya Niti Tips मरने के बाद क्या साथ लेकर जाता है इंसान।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Chanakya Niti Tips: आचार्य चाणक्य को अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र का जनक माना जाता है। उन्होंने जीवन जीने के भी कई पहलुओं के बारे में बताया है। उन्होंने अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है। साथ ही उन्होंने अपनी नीति में एक ऐसी चीज का भी जिक्र किया है जो मरने के बाद भी मनुष्य के साथ जाती है। 

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    क्या चीज जाती है साथ

    मनुष्य के अकेले ही संसार में जन्म लेता है यहां तक कि हर एक इंसान मरने के बाद स्वर्ग या नरक भी अकेले ही जाता है। लेकिन आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान मृत्यु के बाद भी अपने साथ एक जरूर लेकर जाता है। वह चीज है इंसान के कर्म।

    क्यों करने चाहिए अच्छे कर्म

    आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य को अपने अच्छे या बुरे कर्मों का फल अकेले ही भुगतना पड़ता है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं होता जिसके किए गए कर्मों को कोई और भोगता हो। इसी वजह से कहा जाता है कि इंसान को हमेशा अच्छे कर्म ही करने चाहिए।

    भोगना पड़ता है बुरे कर्मों का फल

    मनुष्य जीवन बिना कर्म के संभव नहीं है। हर पल मनुष्य अच्छे ये बुरे कर्म करता है। मृत्यु समीप आने पर व्यक्ति के कर्मों द्वारा ही तय होता है कि उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी या नरक की। जो मनुष्य जीवन में बुरे कर्मों का सहारा लेता है उसका बुरा नतीजा उसे भोगना ही पड़ता है। वह किसी भी तरीके से इससे नहीं बच सकता।

     

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'