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    Chanakya Niti: ऐसे लोगों के हाथ में नहीं टिकता पैसा, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति

    By Sandeep KumarEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Sat, 27 May 2023 08:17 PM (IST)

    आचार्य चाणक्य का कहना है कि व्यक्ति का सबसे बड़ा मित्र पैसा ही है क्योंकि मुसीबत के समय में पैसा ही सबसे ज्यादा काम आता है। ऐसे में कुछ गलत आदतों के कारण आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

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    Chanakya Niti किन लोगों के हाथ में नहीं टिकता पैसा

    नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क। Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य द्वारा रचित चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें बताई गई हैं जिन्हें अपनाने से व्यक्ति के जीवनस्तर में सुधार आता है। चाणक्य नीति में उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी बताया है जिनके हाथ में पैसा नहीं टिकता। आइए जानते हैं कि आचार्य चाणक्य के अनुसार, वह लोग कौन हैं।

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    किसकी जेब में नहीं रुकता पैसा

    चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखता या गंदा रहता रहता है, मैले कपड़े पहनता है उसके पास कभी भी धन नहीं रहता। अगर कोई इंसान अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान नहीं रखता या फिर जिसके दांतो पर हमेशा गंदगी रहती है। ऐसा व्यक्ति भी पैसे की समस्या से जूझता है। क्योंकि मां लक्ष्मी भी स्वच्छ स्थान पर ही वास करना पसंद करती हैं। 

    कौन-सी आदतें बनाती हैं गरीब

    आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में यह भी कहा कि जो व्यक्ति भुक्खड़ स्वभाव का होता है, अर्थात जिसका पूरा ध्यान केवल खाने पर रहता है ऐसा व्यक्ति भी धन की कमी से जूझता रहता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति सूर्य निकलने से पहले अपने बिस्तर से नहीं उठता तो उसके हाथ में भी ज्यादा देर तक धन नहीं रुकता है। इसलिए अपनी ये आदतें आज ही बदल डालें।

    क्या काम कभी नहीं करना चाहिए

    व्यक्ति पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है। लेकिन जब उसके पास पैसा आ जाता है तो वह अपने बुरे दिन भूल जाता है। ऐसा करने पर मेहनत से कमाया धन नष्ट हो जाता है। चाणक्य के अनुसार, पैसों का घमंड न सिर्फ मां लक्ष्मी को नाराज करता है बल्कि अच्छे रिश्तों में भी दरार ला देता है। अहंकार व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट कर देता है और सारा धन का नाश हो जाता है।

    Writer - Suman Saini

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'