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    Chanakya Niti: समझदार होने के बाद भी मूर्ख कहलाते हैं ऐसे लोग, कहीं नहीं मिलता सम्मान

    Updated: Wed, 16 Oct 2024 06:09 PM (IST)

    आचार्य चाणक्य को भारत के विद्वानों में गिना जाता है। साथ ही वह अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र के जनक भी माने जाते हैं। उन्होंने अपने नीति शास्त्र में कई जीवनोपयोगी बातें बताई हैं जिनका पालन लोग आज भी करते हैं। इसी के साथ चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों का भी जिक्र किया है जिनके पास चाहे कितना भी ज्ञान हो लेकिन फिर भी इनका कोई सम्मान नहीं करता।

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    Chanakya Niti: समझदार होने के बाद भी मूर्ख समझे जाते हैं ऐसे लोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में कई अनमोल बातें बताई हैं। जिन्हें जीवन में उतारने से व्यक्ति को अद्भुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। साथ ही चाणक्य जी ने अपने नीति ग्रंथ में कुछ ऐसे लोगों का वर्णन किया है, जिनमें लाख खूबियां होने के बाद भी वह किसी स्थान पर सम्मान के पात्र नहीं बन पाते। चलिए जानते हैं इस बारे में आचार्य चाणक्य का क्या कहना है।

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    ऐसे लोग कहलाते हैं मूर्ख

    चाणक्य नीति में कहा गया है कि जो व्यक्ति अपने आपको बहुत अधिक ज्ञानी समझता है या फिर हमेशा खुद की तारीफ करते रहते हैं, ऐसे लोगों को भी अक्सर मूर्ख ही समझा जाता है। क्योंकि यह लोग किसी के न बोलने पर भी हर जगह अपना ज्ञान देते रहते हैं या फिर अपनी सुंदरता का बखान करते रहते हैं। ऐसे में भले ही आपके पास कितना भी ज्ञान क्यों न हो या आप कितने ही सुंदर क्यों न हों, लेकिन जब तक जरूरत न हो, तब तक कहीं बीच में नहीं बोलना चाहिए।

    नहीं मिलता कोई सम्मान

    अपने नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने कहा है जो लोग दूसरों से बदतमीजी से बात करते हैं या फिर हमेशा दूसरों को नीचा दिखाते रहते हैं, ऐसे लोगों को भी कोई सम्मान नहीं देता। चाहे यह लोग कितने भी गुणी क्यों न हो।

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    ये भी हैं मूर्खों की श्रेणी में शामिल

    आचार्य चाणक्य के अनुसार, ऐसे लोगों को भी मूर्ख ही समझा जाता है, जो पहले कोई भी काम शुरू कर देते हैं और फिर सोचते हैं कि इसका क्या परिणाम होगा। ऐसे लोगों को जीवन में काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए आचार्य चाणक्य ने बिना सोचे-समझे काम करने वाले लोगों को भी मूर्खों की श्रेणी में रखा जाता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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