Chanakya Niti: भूलकर भी इन लोगों के साथ साझा न करें अपनी योजनाएं, बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Chanakya Niti चाणक्य नीति में सफलता के कई गुण बताए गए हैं। जिनका पालन करने से व्यक्ति को बहुत लाभ मिलता है। चाणक्य नीति के इस भाग में आइए जानते हैं कि व्यक्ति को किन लोगों से अपने निजी विचार नहीं साझा करने चाहिए।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chanakya Niti: जीवन में ज्ञान का विशेष महत्व है और अच्छे ज्ञान के लिए उत्तम मार्गदर्शक की आवश्यकता होती है। ऐसे ही एक महान मार्गदर्शक थे आचार्य चाणक्य, जिनकी नीतियों का पालन कर वर्तमान समय में भी लाखों युवा सफल जीवन की ओर आगे बढ़ रहे हैं। बता दें कि आचार्य चाणक्य को न केवल राजनीति, कूटनीति व अर्थनीति का उत्तम ज्ञान था, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण नीतियों का भी वह विस्तृत ज्ञान रखते थे। उनके द्वारा रचित चाणक्य नीति इस बात का सबसे अच्छा उदाहरण है। आज चाणक्य नीति के इस भाग में हम जानेंगे कि व्यक्ति को अपनी निजी भावनाओं को किन लोगों के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
चाणक्य नीति के इन बातों रखें ध्यान (Chanakya Niti in Hindi)
मनसा चिन्तितं कार्यं वाचा नैव प्रकाशयेत्।
मन्त्रेण रक्षयेद् गूढं कार्य चापि नियोजयेत् ।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि व्यक्ति को अपने मन में सोचे गए विचार और योजना को किसी के साथ भूलकर भी साझा नहीं करना चाहिए। बल्कि उस योजना को मंत्र के समान गुप्त रखकर, उसकी रक्षा करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आपके द्वारा बनाई गई योजना पर कोई अन्य व्यक्ति कार्य करके, आपका श्रेय और सम्मान दोनों छीन सकता है। साथ ही इससे वह आपको हानि भी पहुंचा सकता है।
न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत्।
कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ।।
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से बता रहे हैं कि व्यक्ति को अपने शत्रु पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए, साथ ही उसे अपने मित्र पर भी आंख मूंदकर विश्वास नहीं कर लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि सच्चा मित्र भी विवाद के समय क्रोधित होकर आपकी निजी बातों को अन्य लोगों तक फैला सकता है, जिसके कारण मानहानि का भय बढ़ जाता है। इसलिए अपने निजी विचारों को या किसी घटना को स्वयं तक ही सीमित रखना चाहिए।
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