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    Chaitra Navratri 2025: नवरात्र व्रत में इन विशेष बातों का रखें ध्यान, वरना खंडित हो सकता है व्रत

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 10:00 AM (IST)

    चैत्र नवरात्र का व्रत सनातन धर्म में बड़ा महत्व है। यह व्रत मां दुर्गा को समर्पित है। इस साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2025) 30 मार्च यानी आज से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में जो लोग इस व्रत का पालन कर रहे हैं उन्हें कुछ ऐसे नियम हैं जिसका पालन करना चाहिए तो चलिए उन नियमों के बारे में जानते हैं।

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    Chaitra Navratri 2025: नवरात्र व्रत के नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र नवरात्र का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह नौ दिनों का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। इस दौरान साधक नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। हालांकि, व्रत के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना हर किसी के लिए जरूरी है। वरना इससे व्रत खंडित हो सकता है और उसका पूर्ण फल नहीं मिलता है, तो चलिए यहां व्रत के नियम जानते हैं।

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    नवरात्र व्रत के नियम (Chaitra Navratri 2025 Fast Rules)

    • इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
    • इसमें अनाज के अलावा तामसिक चीजें जैस - मांस, मछली, अंडे और प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
    • व्रती फल, दूध, दही, सूखे मेवे, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा और साबूदाना आदि चीजें खा सकते हैं।
    • व्रत में सेंधा नमक (रॉक सॉल्ट) का ही प्रयोग करना चाहिए।
    • इस दौरान साधारण नमक का सेवन वर्जित है।
    • व्रत के दौरान अत्यधिक तले हुए और मसालेदार भोजन से बचें।
    • इस दौरान कुछ लोग नौ दिनों तक निर्जला व्रत रखते हैं, जबकि कुछ केवल फलाहार करते हैं।
    • अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही व्रत का संकल्प लें।
    • इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
    • इस दौरान शांत और प्रसन्न रहने का प्रयास करें।
    • व्रती दिन में सोने से बचें।
    • इस दौरान किसी का भी अपमान न करें।

    पूजा-पाठ नियम (Chaitra Navratri 2025 Puja Method)

    • नौ दिनों तक मां दुर्गा की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करें।
    • सुबह और शाम दोनों समय आरती और मंत्र जाप करें।
    • अगर आपने कलश स्थापित किया है, तो उसकी नियमित देखभाल करें और सभी नियमों का पालन करें।
    • नवरात्र के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
    • अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है, इसलिए छोटी कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।