Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chaitra Navratri 2024: माता रानी की कृपा से होती है समस्त सुखों की प्राप्ति, नवरात्र में करें इन मंत्रों का जाप

    Updated: Wed, 10 Apr 2024 11:46 AM (IST)

    इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल मंगलवार के दिन से हो चुका है। नवरात्र के नौ दिनों में माता रानी के नौ अलग-अलग स्वरूपों के लिए समर्पित माना जाता है। ऐसे में यदि आप नवरात्रि के प्रत्येक दिन पर माता के इन मंत्रों का जाप करते हैं तो इससे आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

    Hero Image
    Chaitra Navratri 2024: माता रानी के नौ स्वरूपों के लिए मंत्र।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Navratri ke Mantra: चैत्र नवरात्र की अवधि माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर ही आदिशक्ति अपने नौ रूपों में प्रकट हुई थीं। ऐसे में नवरात्र की अवधि में माता रानी के इन स्वरूपों की आराधना करके शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1. मां शैलपुत्री के मंत्र

    नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। मां शैलपुत्री की पूजा, धन, रोजगार और स्वास्थ्य के लिए की जाती है।

    ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।

    वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌।।

    2. मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र

    नवरात्र का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है। माना जाता है कि इनकी पूजा से कई सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है। 

    ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।

    देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥

    3. मां चंद्रघण्टा के मंत्र

    नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघण्टा की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। देवी का यह स्वरूप संतुष्टि की देवी के रूप में पूजा जाता है।

    ॐ देवी चंद्रघण्टायै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

    प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

    4. मां कूष्माण्डा के मंत्र

    कुष्मांडा देवी का चौथा स्वरूप है।  माना जाता है कि माता रानी के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय नहीं सताता।

    ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

    दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

    5. मां स्कन्दमाता के मंत्र

    मां स्कन्दमाता की पूजा नवरात्र के पाचवें दिन की जाती है। माता पार्वती कार्तिकेय की मां हैं और कार्तिकेय का एक नाम स्कंद भी है। इसलिए इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है।

    ॐ देवी स्कन्दमात्र्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।

    शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

    6. मां कात्यायनी के मंत्र

    मां कात्यायनी देवी दुर्गा का छठवां स्वरूप हैं। इनकी आराधना करने से रोग, शोक, संताप आदि से मुक्ति मिल सकती है। 

    ॐ देवी कात्यायन्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

    कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

    7. मां कालरात्री के मंत्र

    मां कालरात्री की पूजा नवरात्र के सातवें दिन की जाती है। देवी के इस स्वरूप की पूजा आलौकिक शक्तियों, तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि आदि के लिए की जाती है।

    ॐ देवी कालरात्र्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

    लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

    वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।

    वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

    8. मां महागौरी के मंत्र

    देवी का आठवां स्वरूप महागौरी हैं। आत्मा को पवित्र और स्वच्छ बनाने के लिए महागौरी की पूजा और तप किया जाता है।

    ॐ देवी महागौर्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥

    9. मां सिद्धिदात्री के मंत्र

    माता रानी का नौवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री है। हर तरह की सफलता के लिए मां सिद्धिदात्री की आराधना की जाती है।

    ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः

    प्रार्थना मंत्र -

    सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।

    सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'