Chaitra Navratri 2024 Day 7: चैत्र नवरात्र के सातवें दिन भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण
Chaitra Navratri 2024 Day 7 चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां काली की पूजा निशा काल में होती है। अतः निशा काल में पूजा की जाएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024 Day 7: चैत्र नवरात्र के सातवें दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां काली की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि हेतु व्रत-उपवास रखा जाता है। इस दिन तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधक निशा काल तक कठिन साधना करते हैं। मां काली के उपासकों की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही आय, आयु, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के सातवें दिन भद्रावास का योग बन रहा है। इस योग में मां की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं।
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शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्र की सप्तमी तिथि सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां काली की पूजा निशा काल में होती है। अतः निशा काल में पूजा की जाएगी। तंत्र सीखने वाले साधक के लिए यह दिन विशेष होता है। इस दिन दुख हरने वाली मां काली की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं।
भद्रावास योग
ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के सातवें दिन दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से हो रहा है, जो संध्याकाल 08 बजकर 39 मिनट तक है। इस समय में मां काली की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस दौरान भद्रा स्वर्ग में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान भूलोक पर उपस्थित समस्त जीव जंतु एवं मानव का कल्याण होता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 56 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 46 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 08 मिनट पर
चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 45 मिनट से 07 बजकर 08 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल - सुबह 05 बजकर 10 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
दिशा शूल - पश्चिम
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