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Chaitra Navratri Day 7: आज है चैत्र नवरात्र का सातवां दिन, ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, जानिए कैसा है देवी का स्वरूप ?

नवरात्र (Chaitra Navratri Day 7) के सातवें दिन भक्त माता काली की पूजा करते हैं जो देवी दुर्गा की उग्र स्वरूप हैं। देवी काली नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करने के लिए जानी जाती है। साथ ही वे भक्तों के जीवन का अंधकार दूर करती हैं। देवी कालरात्रि का रंग अंधेरी रात के समान गहरा है। खुले बाल गले की मुंड माला उनके स्वरूप को और भी उग्र बनाता है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Mon, 15 Apr 2024 09:19 AM (IST)
Chaitra Navratri Day 7: आज है चैत्र नवरात्र का सातवां दिन, ऐसे करें मां कालरात्रि की पूजा, जानिए कैसा है देवी का स्वरूप ?
Chaitra Navratri Day 7 Puja: ऐसे करें माता कालरात्रि की पूजा

धर्म डेस्क,नई दिल्ली। Chaitra Navratri Day 7 Puja: नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। देवी काली मां दुर्गा के नौ स्वरूपों में से एक हैं। ऐसा माना जाता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन की सभी नकारात्मकता समाप्त होती है। साथ ही गुप्त शत्रुओं का नाश होता है। अगर आप अपने जीवन के सभी कष्टों को दूर करना चाहते हैं, तो आपको देवी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

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माता कालरात्रि का प्रिय रंग

नेवी ब्लू रंग देवी कालरात्रि को समर्पित है। यही वजह है कि भक्तों को देवी को ऑर्किड फूल चढ़ाने की सलाह दी जाती है।

ऐसे करें माता कालरात्रि की पूजा

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • देवी का गंगाजल से अभिषेक करें।
  • कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • देवी के सामने दीपक जलाएं और लाल गुड़हल की माला अर्पित करें।
  • देवी को प्रसन्न करने के लिए लौंग और कपूर अवश्य चढ़ाएं।
  • घर में बना हुआ भोग और गुड़ अर्पित करें।
  • वैदिक मंत्रों का जाप करें और हवन करें।
  • शाम के समय माता रानी की विशेष आरती करें।

ऐसा है देवी कालरात्रि का स्वरूप

सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व बहुत भव्यता के साथ मनाया जाता है। इसके सातवें दिन साधक देवी कालरात्रि की पूजा करते हैं, जो मां दुर्गा की उग्र अभिव्यक्ति हैं। देवी काली राक्षसों, बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करने के लिए जानी जाती है। साथ ही वे भक्तों के जीवन का अंधकार दूर करती हैं। देवी कालरात्रि का रंग अंधेरी रात के समान गहरा है।

खुले बाल, गले की मुंड माला उनके स्वरूप को और भी उग्र बनाता है। गधे पर सवार होकर देवी अपने भक्तों की सुरक्षा करती हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

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