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    Chaitra Navratri 2023 Day 8: नवरात्रि के आठवें दिन इस विधि से करें माता महागौरी की उपासना, जानिए विधि और मंत्र

    By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo Mishra
    Updated: Wed, 29 Mar 2023 09:56 AM (IST)

    Chaitra Navratri 2023 चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी की विधिवत उपासना की जाती है। इस विशेष दिन को महाअष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं किस विधि से करनी चाहिए माता महागौरी की उपासना पूजा विधि और मंत्र।

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    Chaitra Navratri 2023 Day 8: इस विधि से करें माता कालरात्रि की उपासना।

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chaitra Navratri 2023 Day 8, Mata Mahagauri Puja: चैत्र नवरात्रि के अष्टम दिन माता महागौरी की पूजा का विधान है। इस विशेष दिन को महाअष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष चैत्र दुर्गाष्टमी व्रत आज यानी 29 मार्च को  है। मान्यता है कि इस विशेष दिन पर माता महागौरी की पूजा करने से साधकों को धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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    शास्त्रों में बताया गया है कि वह साधक जो पूरे नौ दिन व्रत नहीं रख पाते हैं, उन्हें महाअष्टमी के उपवास जरूर रखना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को 9 दिनों की पूजा का फल प्राप्त होता है। आइए आचार्य श्याम चंद्र मिश्र जी से जानते हैं चैत्र नवरात्रि आठवें माता महागौरी की पूजा विधि, मुहूर्त और मंत्र।

    चैत्र नवरात्रि 2023 माता महागौरी पूजा मुहूर्त (Chaitra Navratri 2023 Day 8 Puja Muhurat)

    आचार्य मिश्र बताते हैं कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 28 मार्च को संध्या 07 बजकर 02 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 29 मार्च को रात्रि 09 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में दुर्गाष्टमी व्रत और कन्या पूजन 29 मार्च 2023 के दिन किया जाएगा। इस दिन शिभन योग पूरे दिन रहेगा।

    माता महागौरी स्वरूप (Mata Mahagauri Roop)

    मां दुर्गा की अष्टम सिद्ध स्वरूप माता महागौरी हैं। इनका रूप अत्यंत सौम्य है और माता भगवती का यह रूप बहुत सरस और मोहक है। माता महागौरी का वर्ण अत्यंत गौर और इनके वस्त्र व आभूषण भी गौर रंग के हैं। माता महागौरी बैल की सवारी करती हैं और इनकी चार भुजाएं हैं। मां महागौरी दाहिने भुजा में अभय मुद्रा और त्रिशूल धारण करती हैं। बाएं भुजा में डमरू और वर मुद्रा धारण करती हैं।

    माता महागौरी पूजा विधि (Mata Mahagauri Puja Vidhi)

    महाअष्टमी के दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और फिर एक लकड़ी की चौकी स्थापित करें और उसपर लाल वस्त्र बिछाएं। इसके बाद माता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें और मूर्ति पर सिंदूर और अक्षत अर्पित करें। इसके बाद घर में स्थापित कलश और अखंड ज्योति की पूजा करें। फिर माता की पूजा गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से करें। माता महागौरी को मोगरा पुष्प अत्यंत प्रिय है और उन्हें लाल और गुलाबी रंग भी प्रिय है। इसलिए हो सके तो माता को मोगरे के फूलों से बनी माला अर्पित करें और पूजा के समय साधक लाल या गुलाबी रंग का वस्त्र धारण करें। इसके बाद माता महागौरी को नारियल का भोग अर्पित करें। फिर दुर्गासप्तशती और माता महागौरी की आरती का पाठ करें।

    दुर्गाष्टमी कन्या पूजन विधि (Chaitra Navratri 2023 Kanya Pujan)

    चैत्र नवरात्रि के अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस दिन घर पर नौ कन्याओं को आदरपूर्वक आमंत्रित करें और उनकी पूजा करें। फिर सभी को हलवा, खीर और पूड़ी का भोग और समर्थ्य अनुसार दक्षिणा देकर आदरपूर्वक घर से विदा करें। मान्यता है कि नवरात्रि के अष्टमी दिन कन्या पूजन करने से मां भगवती प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं।

    माता महागौरी मंत्र (Mata Mahagauri Mantra)

    ॐ देवी महागौर्यै नमः।।

    प्रार्थना

    श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।

    महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा।।

    ध्यान मंत्र

    वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

    सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्।।

    पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्।

    वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्।।

    पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

    मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्।।

    प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्।

    कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्।।

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।