Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर शिव योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

    बुद्ध पूर्णिमा पर मंगलकारी शिव योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रहा है जो अगले दिन 24 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनट तक है। साधक शिव योग में स्नान-ध्यान कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इस योग में पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 12 May 2024 03:43 PM (IST)
    Hero Image
    Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा पर शिव योग समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Buddha Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही सत्यनारायण पूजा की जाती है। इस वर्ष 23 मई को वैशाख पूर्णिमा है। बौद्ध धर्म शास्त्रों की मानें तो वैशाख पूर्णिमा तिथि पर भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी तिथि पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वहीं, वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध को परिनिर्वाण हुआ था। अतः बौद्ध धर्म के अनुयायी वैशाख पूर्णिमा पर बुद्ध पूर्णिमा मनाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो बुद्ध पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई अन्य शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें: इस साल कब है बुद्ध पूर्णिमा? नोट करें डेट, मुहूर्त, महत्व एवं शुभ योग


    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिष गणना के अनुसार, वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि 22 मई को संध्याकाल 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 23 मई को संध्याकाल 07 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के चलते 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा है।

    शिव योग

    बुद्ध पूर्णिमा पर शिव योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से शुरू हो रहा है, जो अगले दिन 24 मई को सुबह 11 बजकर 22 मिनट तक है। साधक शिव योग में स्नान-ध्यान कर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है।

    सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 09 बजकर 15 मिनट से है, जो दिन भर है। वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है। जबकि, बव करण का योग संध्याकाल 07 बजकर 22 मिनट तक है। इन योग में भगवान बुद्ध की पूजा-उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

    पंचांग

    सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर

    सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 10 मिनट पर

    चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 12 मिनट पर

    ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक

    विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 35 मिनट से 03 बजकर 30 मिनट तक

    गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 29 मिनट तक

    निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

    यह भी पढ़ें: शनि की साढ़े साती दूर करने के लिए करें ये खास उपाय, चमक उठेगा सोया हुआ भाग्य

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।