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    Brahma Muhurat Mantra: ब्रह्म मुहूर्त में करें इन मंत्रों का जाप, बड़ी-से-बड़ी बाधा होगी दूर

    Updated: Sat, 29 Jun 2024 11:50 AM (IST)

    ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ है परमात्मा का समय। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में समय देवी-देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं इसलिए ईश्वर की कृपा प्राप्ति के लिए इस समय को बहुत ही उत्तम माना गया है। शुभ फलों की प्राप्ति के लिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होने के बाद अपने आराध्य देव का ध्यान कर इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।

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    Brahma Muhurat Mantra: ब्रह्म मुहूर्त में करें इन मंत्रों का जाप।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को एक बहुत ही पवित्र समय माना जाता है। शास्त्रों में माना गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान का ध्यान करने वाले साधक को जीवन में विशेष लाभ देखने को मिलता है। ब्रह्म मुहूर्त मुख्य रूप से सुबह 04 बजे से सुबह 5:30 के बीच का समय होता है। ऐसे में आप ब्रह्म मुहूर्त में कुछ मंत्रों का जाप करके शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं।

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    जरूर करें इन मंत्रों का जाप

    कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्'

    ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र का जाप करते समय अपनी हथेलियों को देखना चाहिए। ऐसा करने से साधक पर धन की देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

    ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च।

    गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु॥

    ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इससे देवी-देवताओं की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है। इसके लिए मंत्र जाप के दौरान अपनी आंखों को बंद कर लें। मंत्र जाप पूरा होने के बाद हाथ में थोड़ा-सा जल लेकर मनोकामना मांगें और जल छोड़ दें। इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।

    गायत्री मंत्र

    ॐ भूर्भुवः स्वः

    तत्सवितुर्वरेण्यं

    भर्गो देवस्यः धीमहि

    धियो यो नः प्रचोदयात् ॥

    रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। विशेषकर बच्चों के लिए गायत्री मंत्र का जाप करना बहुत ही फायदेमंद माना गया है। इससे एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है, जिससे बच्चों को पढ़ाई में भी लाभ देखने को मिलता है।

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    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

    उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

    यह भगवान शिव को समर्पित सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। यदि आप रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में इस मंत्र का जाप करते हैं, तो इससे भय, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।