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    Bihu 2025: इस मुहूर्त में करें बिहू की पूजा, नोट करें पूजन नियम

    बिहू (Magh Bihu 2025 Date) का पर्व असम में बहुत खास माना जाता है। यह दिन अग्नि देव को समर्पित है जब लोग उन्हें अच्छी फसल के लिए उनकी प्रार्थना करते हैं और उन्हें धन्यवाद करते हैं। इस साल यह पर्व 15 जनवरी 2025 दिन बुधवार को भव्यता के साथ मनाया जाएगा तो आइए इससे जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 14 Jan 2025 11:35 AM (IST)
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    Bihu 2025: बिहू से जुड़ी प्रमुख बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। बिहू का पर्व असम में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसे रोंगाली बिहू और जात बिहू के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व असम के नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है। यह माघ महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस साल माघ बिहू (Bihu 2025) त्योहार 15 जनवरी, 2025 को मनाया जाएगा। इस पावन अवसर पर लोग विभिन्न तरह के पूजन नियमों का पालन करते हैं, जिनका अपना एक खास महत्व है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

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    बिहू 2025 शुभ मुहूर्त (Bihu 2025 Puja Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, बिहू पर्व 15 जनवरी से शुरू हो रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 16 मिनट से दोपहर 2 बजकर 58 मिनट तक रहगा।

    इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा निशिता मुहूर्त रात 12 बजकर 04 मिनट से अगले दिन 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।

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    बिहू 2025 पूजा विधि (Bihu 2025 Puja Vidhi)

    इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर अग्नि देव का ध्यान कर उनकी विधिवत पूजा करें। साथ ही लोग इस मौके पर बांस और पत्तों से बनी झोपड़ी को जलाते हैं। फिर सुबह इसकी राख को अपनी-अपनी फसलों में छिड़क देते हैं, जिससे फसल अच्छी होती है। इसके अलावा भक्त अग्नि देव से प्रार्थना करें और उन्हें चावल-सुपारी अर्पित करें। इसके बाद उनकी स्तुति का पाठ करें।

    पूजा समाप्त होने के बाद घर के लोगों व अन्य सदस्यों में प्रसाद बांटें। इस मौके पर गरीबों की मदद करें और उन्हें कुछ दान-दक्षिणा दें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।