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    Bhishma Panchak 2023: भीष्म पंचक के दौरान भूलकर भी न करें ये काम, जानें पूजा अनुष्ठान और तर्पण मंत्र

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Thu, 23 Nov 2023 09:53 AM (IST)

    Bhishma Panchak 2023 हिंदू धर्म में पंचक के पांच दिन अशुभ माने जाते हैं लेकिन कार्तिक माह में पड़ने वाले भीष्म पंचक को बेहद शुभ माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान उपवास रखने से सभी प्रकार के पापों से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है। इसलिए शास्त्रों में इस व्रत को महत्वपूर्ण माना जाता है।

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    Bhishma Panchak 2023: भीष्म पंचक पूजा अनुष्ठान

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhishma Panchak 2023: सनातन धर्म में कार्तिक माह में आने वाले भीष्म पंचक को शुभ माना गया है। इस साल यह 23 नवंबर यानी आज से शुरू हो चुका है और इसका समापन 27 नवंबर को होगा। यह व्रत पूरी तरह से भीष्म पितामह को समर्पित है। पद्म पुराण के अनुसार, यह व्रत एक ऐसी तपस्या जिससे साधक भगवान कृष्ण को सीधा प्रसन्न करते हैं और उनसे आध्यात्मिक रूप से जुड़ते हैं।

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    भीष्म पंचक के दौरान क्या करें और क्या न करें?

    • सेब, संतरा, चीकू, नाशपाती, केला व्रत के दौरान खा सकते हैं
    • उबले आलू, कच्चा केला और शकरकंद ग्रहण कर सकते हैं।
    • स्वाद के लिए आप समुद्री नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
    • इसके अलावा व्रत में काजू, बादाम, मूंगफली, किशमिश, खजूर, नारियल पानी आदि भी शामिल किया जा सकता है।
    • भीष्म पंचक के दौरान व्रतियों को 5 दिन तक सिर्फ फलाहार ग्रहण करना चाहिए।
    • बहुत सारे बीज वाले फल जैसे अमरूद, अनार, खीरा आदि खाने से बचना चाहिए।
    • इस दौरान दूध और दूध से बने उत्पाद से परहेज करना चााहिए।
    • इस दौरान तामसिक भोजन से भी बचना चाहिए।
    • इन दिनों किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।
    • भीष्म पंचक के दौरान भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहिए।
    • बड़ों का सम्मान करना चाहिए।
    • गीता का पाठ करना चाहिए।

    भीष्म पंचक पूजा अनुष्ठान

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा में स्नान करना चाहिए और यदि वे गंगा में स्नान करने में असमर्थ हैं तो वे गंगाजल छिड़क सकते हैं साथ ही "गंगे! गंगा! गंगा!" का जाप कर सकते हैं।

    यहां दिए गए मंत्र का जाप करते हुए भीष्मदेव के लिए 3 बार तर्पण करें

    तर्पण मंत्र - ॐ वैयाघ्र पद्य गोत्रय संकृति प्रवराय च अपुत्राय ददमयेतत् सलिलं भीष्मवर्मने..!!

    अर्घ्य मंत्र - वसुनामावतराय संतानोरात्मजय च अर्घ्यं ददामि भीष्माय अजन्मा ब्रह्मचारिणे..!!

    यह भी पढ़ें : Bhishma Panchak 2023: आज से शुरू है भीष्म पंचक, जानें तिथि- महत्व और पूजा मंत्र

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

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