Pradosh Vrat 2025 Date: कब है दिसंबर महीने का पहला प्रदोष व्रत? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव (Pradosh Vrat 2025 Date) और मां पार्वती की पूजा करने से साधक के सुखों में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में देवों के देव महादेव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है।

देवों के देव महादेव को कैसे प्रसन्न करें?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2025 Date: प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर प्रदोष व्रत मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और देवी मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनचाही मुराद पाने के लिए व्रत रखा जाता है।

इस शुभ अवसर पर मंदिरों में देवों के देव महादेव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही पूजा के समय भगवान शिव का गंगाजल और दूध से जलाभिषेक किया जाता है। आइए, अगहन माह के पहले प्रदोष व्रत के बारे में सबकुछ जानते हैं-
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 02 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 57 मिनट पर होगी। वहीं, त्रयोदशी तिथि का समापन 03 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसके लिए 02 दिसंबर को प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। 02 दिसंबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा एवं अर्चना कर सकते हैं। साधक अपनी सुविधा अनुसार समय पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग (Pradosh Vrat Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो दिसंबह माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग के संयोग बन रहे हैं। साथ ही अश्विनी नक्षत्र का संयोग है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, सभी प्रकार के संकटों से भी मुक्ति मिलेगी।
पंचांग
- सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 59 मिनट पर
- सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से 03 बजकर 17 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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