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    Pradosh Vrat 2025: भौम प्रदोष व्रत पर पूजा के समय करें ये उपाय, आर्थिक तंगी से मिलेगा छुटकारा

    प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) का फल साधक को दिन अनुसार प्राप्त होता है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाता है। भौम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Mar 2025 04:18 PM (IST)
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    Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह पर्व प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही शिव-शक्ति के निमित्त त्रयोदशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

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    ज्योतिष शास्त्र में प्रदोष व्रत पर विशेष उपाय किया जाता है। इन उपायों को करने से जीवन में व्याप्त हर परेशानी दूर हो जाती है। भौम प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने से आर्थिक विषमता दूर होती है। अगर आप भी पैसों की तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो त्रयोदशी तिथि पर पूजा के समय ये उपाय जरूर करें।

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    प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 11 मार्च को भौम प्रदोष व्रत है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 11 मार्च को सुबह 08 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगी और 12 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत पर संध्याकाल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। अत: 11 मार्च को फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत रखा जाएगा।

    प्रदोष व्रत उपाय

    • देवों के देव महादेव जलाभिषेक से प्रसन्न होते हैं। अतः प्रदोष व्रत के दिन गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से बुध देव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता मिलती है। साथ ही आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है।
    • अगर आप सुखों में वृद्धि पाना चाहते हैं, तो दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। साथ ही कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है। शुक्र देव की कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
    • अगर आप अशुभ ग्रहों की कुदृष्टि से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो भौम प्रदोष व्रत पर शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से कुंडली में मंगल ग्रह भी मजबूत होता है। साथ ही हनुमान जी की कृपा साधक पर बरसती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।