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    Bhaum Pradosh Vrat 2024: 9 जनवरी को मनाया जाएगा साल का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा नियम और धार्मिक महत्व

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Fri, 05 Jan 2024 10:45 AM (IST)

    Bhaum Pradosh Vrat 2024 साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। इसे लोग भौम प्रदोष के नाम से भी जानते हैं। इस शुभ दिन पर समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्तों को उनकी इच्छाओं के करीब ले जाया जा सकता है। भौम प्रदोष व्रत पर शिव परिवार की पूजा करने से सौभाग्य और खुशहाली आती है।

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    Bhaum Pradosh Vrat 2024: 9 जनवरी को मनाया जाएगा साल का पहला प्रदोष व्रत

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhaum Pradosh Vrat 2024: साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को मनाया जाएगा। यह दिन शिव जी को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत रखा जाता है। इस दौरान, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शंकर की पूजा करते हैं। देश के दक्षिणी भागों में इस त्यौहार को प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है।

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    यह दिन शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में जो साधक इस दिन माता पार्वती और शिव जी की विशेष आराधना करते हैं उनके ऊपर भगवान की सदैव कृपा बनी रहती है।

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    प्रदोष व्रत का महत्व

    इस साल का पहला प्रदोष व्रत मंगलवार को है, जिसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस शुभ दिन पर समर्पण और भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से भक्तों को उनकी इच्छाओं के करीब ले जाया जा सकता है।

    भौम प्रदोष व्रत पर देवताओं की पूजा करने से सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली आती है। कुछ भक्त इस दिन भगवान शिव की पूजा भगवान नटराज के रूप में भी करते हैं।

    पूजा नियम

    • भक्त सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
    • मंदिर को साफ करें।
    • शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष दीया जलाएं।
    • पूजा करने के लिए शाम का समय सबसे अच्छा है।
    • भगवान को फूल, मिठाइयां और फल अर्पित करें।
    • भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
    • पूजा का समापन आरती से करें।
    • अंत में शंखनाद करें।
    • पूजा के बाद भक्त सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।

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    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'