Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhaum Pradosh 2024: आज है प्रदोष व्रत, नोट करें भोग और पूजा मुहूर्त से लेकर सबकुछ

    Updated: Tue, 04 Jun 2024 08:00 AM (IST)

    प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में खुशहाली है। इस बार प्रदोष व्रत 4 जून 2024 दिन मंगलवार को रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा करें क्योंकि यह बहुत फलदायी माना जा रहा है।

    Hero Image
    Bhaum Pradosh 2024: भौम प्रदोष व्रत 2024 का धार्मिक महत्व -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत एक शुभ दिन माना जाता है, जो भोलेनाथ की पूजा के लिए समर्पित है। प्रदोष व्रत महीने में दो बार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आता है। इस बार यह व्रत 4 जून, 2024 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा। इस शुभ अवसर पर व्रती भक्ति के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं, तो आइए इस दिन (Bhaum Pradosh 2024) से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूजा मुहूर्त

    शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात्रि 08 बजकर 32 मिनट तक।

    शिव जी भोग

    मालपुआ, सफेद बर्फी, और खीर

    भौम प्रदोष व्रत 2024 का धार्मिक महत्व

    भौम प्रदोष का बड़ा धार्मिक महत्व है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है, जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही है उन्हें इस व्रत का पालन जरूर करना चाहिए।

    ऐसा कहा जाता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    पूजा विधि

    • सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें।
    • घर और पूजा मंदिर को साफ करें।
    • एक वेदी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
    • गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करें।
    • सफेद चंदन का त्रिपुंड लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें।
    • घर पर बना सात्विक भोग अर्पित करें।
    • देसी घी का दीपक जलाएं।
    • शिव भक्तों को इस दिन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए मंदिर जाना चाहिए।
    • साथ ही उन्हें पंचामृत और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए।
    • प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी होती है।
    • शिव जी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।
    • पूजा का समापन भगवान शिव और माता पार्वती की आरती से करें।
    • अगले दिन सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण करें।
    • तामसिक चीजों से दूर रहें।

    शिव जी का वैदिक मंत्र

    ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः

    यह भी पढ़ें: Bhaum Pradosh Vrat 2024: भौम प्रदोष पर करें इन 2 चीजों का दान, धन-दौलत में होगी अपार वृद्धि

    डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

    comedy show banner
    comedy show banner