Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bhanu Saptami 2024: आज मनाई जा रही है भानु सप्तमी, नोट करें भोग और पूजन नियम से लेकर सबकुछ

    Updated: Sun, 25 Aug 2024 09:18 AM (IST)

    सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव तुरंत देखने को मिलने लगते हैं। भानु सप्तमी का दिन सूर्य पूजा के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन (Bhanu Saptami 2024) कठिन व्रत का पालन भाव के साथ करने से सुख सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही करियर के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

    Hero Image
    Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी की पूजा विधि -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भानु सप्तमी का दिन हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार यह भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि यानी आज 25 अगस्त 2024 को मनाई जा रही है। भानु सप्तमी भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान सूर्य की पूजा से दिव्य ऊर्जा और उनके जैसा तेज प्राप्त होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, तो आइए इस दिन (Bhanu Saptami 2024) को और भी शुभ बनाने के लिए यहां दी गई पूजा विधि, योग, मंत्र आदि के बारे में जानते हैं।

    भोग - गुड़ के मालपुए, गुड़-चावल और गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं।

    मंत्र

    •  ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
    • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
    • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।

    यह भी पढ़ें: Temple Vastu Tips: घर के मंदिर में रखेंगे वास्तु नियमों का ध्यान, तो आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी नेगेटिव एनर्जी

    भानु सप्तमी शुभ योग (Bhanu Saptami 2024 Shubh Yog)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रिपुष्कर योग शाम 04 बजकर 45 मिनट से अगले दिन देर रात 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। साथ ही रवि योग सुबह 05 बजकर 56 मिनट से शाम 04 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 32 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस दौरान किसी भी प्रकार का मांगलिक और नया कार्य किया जा सकता है।

    भानु सप्तमी की पूजा विधि (Bhanu Saptami 2024 Puja Vidhi)

    पूजा अनुष्ठान शुरू करने से सुबह जल्दी उठें और स्नान करें। भक्त सबसे पहले एक कलश लें और उसमें जल, गुड़, रोली, लाल फूल और गंगा जल डालकर और उगते सूर्य को अर्घ्य दें। वहीं, खड़े होकर सूर्य नमस्कार करें। भगवान सूर्य के वैदिक मंत्रों का जाप और चालीसा का पाठ करें। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का भी विधान है। इसके बाद सूर्य देव की आरती से पूजा का समापन करें।

    वहीं, कुछ भक्त इस दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए व्रत भी रख सकते हैं। इस दिन तामसिक चीजों से परहेज करना चाहिए। पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें। इस दिन गलती से भी पिता का अपमान न करें।

    यह भी पढ़ें: Bhanu Saptami 2024: भानु सप्तमी पर ऐसे करें सूर्य देव की पूजा, करियर और कारोबार में मिलेगी सफलता

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।