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    Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतर्थी पर करें देवी लक्ष्मी की पूजा, जीवन से दूर होगी आर्थिक तंगी

    चैत्र महीने में आने वाली चतुर्थी तिथि को बहुत ज्यादा पुण्यदायी माना जाता है। इस मौके पर बप्पा के निमित्त कठिन उपवास का पालन किया जाता है। चैत्र मास की भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) यानी आज के दिन मनाई जा रही है। ऐसे में इस दिन बप्पा की विधिपूर्वक पूजा करें और मां लक्ष्मी के नामों का जाप करें।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 17 Mar 2025 08:56 AM (IST)
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    Sankashti Chaturthi 2025: संकष्टी चतर्थी के पूजा नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। चतुर्थी व्रत बहुत कल्याणकारी माना गया है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। चतुर्थी एक महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आती है। हर महीने आने वाली संकष्टी चतुर्थी का अपना अलग नाम और महत्व है। आज यानी 17 मार्च को भालचंद्र संकष्टी मनाई जा रही है। कहते हैं कि इस दिन (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) भगवान गणेश की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही इस तिथि पर माता लक्ष्मी के 108 नामों का जाप परम कल्याणकारी माना गया है, जो इस प्रकार हैं।

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    ।।मां लक्ष्मी के 108 नाम।। (Maa Lakshmi ke 108 Naam)

    1. ऊँ प्रकृत्यै नम:

    2. ऊँ विकृत्यै नम:

    3. ऊँ विद्यायै नम:

    4. ऊँ सर्वभूत-हितप्रदायै नम:

    5. ऊँ श्रद्धायै नम:

    6. ऊँ विभूत्यै नम:

    7. ऊँ वसुन्धरायै नमः

    8. ऊँ उदारांगायै नमः

    9. ऊँ हरिण्यै नमः

    10. ऊँ हेममालिन्यै नमः

    11. ऊँ धनधान्य-कर्ये नमः

    12. ऊँ सिद्धयै नमः

    13. ऊँ स्त्रैणसौम्यायै नमः

    14. ऊँ शुभप्रदायै नमः

    15. ऊँ नृपवेश्मगतानन्दायै नमः

    16. ऊँ सुरभ्यै नम:

    17. ऊँ परमात्मिकायै नम:

    18. ऊँ वाचे नम:

    19. ऊँ पद्मालयायै नम:

    20. ऊँ पद्मायै नमः

    21. ऊँ शुचय़ै नमः

    22. ऊँ स्वाहायै नमः

    23. ऊँ स्वधायै नमः

    24. ऊँ सुधायै नमः

    25. ऊँ धन्यायै नमः

    26. ऊँ हिरण्मयै नमः

    27. ऊँ लक्ष्म्यै नमः

    28. ऊँ नित्यपुष्टायै नमः

    29. ऊँ विभावर्यै नमः

    30. ऊँ अदित्यै नमः

    31. ऊँ दित्यै नमः

    32. ऊँ दीप्तायै नमः

    33. ऊँ वसुधायै नमः

    34. ऊँ वसुधारिण्यै नमः

    35. ऊँ कमलायै नमः

    36. ऊँ कान्तायै नमः

    37. ऊँ कामाक्ष्यै नमः

    38. ऊँ क्रोधसंभवायै नमः

    39. ऊँ अनुग्रहप्रदायै नमः

    40. ऊँ बुद्धयै नमः

    41. ऊँ अनघायै नमः

    42. ऊँ हरिवल्लभायै नमः

    43. ऊँ अशोकायै नमः

    44. ऊँ अमृतायै नमः

    45. ऊँ दीप्तायै नमः

    46. ऊँ लोकशोकविनाशिन्यै नमः

    47. ऊँ धर्म-निलयायै नमः

    48. ऊँ करुणायै नमः

    49. ऊँ लोकमात्रे नमः

    50. ऊँ पद्मप्रियायै नमः

    51. ऊँ पद्महस्तायै नमः

    52. ऊँ पद्माक्ष्यै नमः

    53. ऊँ पद्मसुन्दर्यै नमः

    54. ऊँ पद्मोद्भवायै नमः

    55. ऊँ भास्कर्यै नमः

    56. ऊँ बिल्वनिलयायै नमः

    57. ऊँ वरारोहायै नमः

    58. ऊँ यशस्विन्यै नमः

    59. ऊँ वरलक्ष्म्यै नमः

    60. ऊँ वसुप्रदायै नमः

    61. ऊँ शुभायै नमः

    62. ऊँ हिरण्यप्राकारायै नमः

    63. ऊँ समुद्रतनयायै नमः

    64. ऊँ पद्ममुख्यै नमः

    65. ऊँ पद्मनाभप्रियायै नमः

    66. ऊँ रमायै नमः

    67. ऊँ पद्ममालाधरायै नमः

    68. ऊँ देव्यै नमः

    69. ऊँ पद्मिन्यै नमः

    70. ऊँ पद्मगन्धिन्यै नमः

    71. ऊँ पुण्यगन्धायै नमः

    72. ऊँ सुप्रसन्नायै नमः

    73. ऊँ प्रसादाभिमुख्यै नमः

    74. ऊँ प्रभायै नमः

    75. ऊँ चन्द्रवदनायै नमः

    76. ऊँ चन्द्रायै नमः

    77. ऊँ चन्द्रसहोदर्यै नमः

    78. ऊँ चतुर्भुजायै नमः

    79. ऊँ विष्णुपत्न्यै नमः

    80. ऊँ प्रसन्नाक्ष्यै नमः

    81. ऊँ नारायणसमाश्रितायै नमः

    82. ऊँ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः

    83. ऊँ देव्यै नमः

    84. ऊँ सर्वोपद्रव-वारिण्यै नमः

    85. ऊँ नवदुर्गायै नमः

    86. ऊँ महाकाल्यै नमः

    87. ऊँ ब्रह्माविष्णु-शिवात्मिकायै नमः

    88. ऊँ त्रिकालज्ञान-संपन्नायै नमः

    89. ऊँ भुवनेश्वर्यै नमः

    90. ऊँ चन्द्ररूपायै नमः

    91. ऊँ इन्दिरायै नमः

    92. ऊँ इन्दुशीतलायै नमः

    93. ऊँ अह्लादजनन्यै नमः

    94. ऊँ पुष्टयै नमः

    95. ऊँ शिवायै नमः

    96. ऊँ शिवकर्यै नमः

    97. ऊँ सत्यै नमः

    98. ऊँ विमलायै नमः

    99. ऊँ विश्वजनन्यै नमः

    100. ऊँ तुष्टयै नमः

    101. ऊँ दारिद्र्यनाशिन्यै नमः

    102. ऊँ प्रीतिपुष्करिण्यै नमः

    103. ऊँ शान्तायै नमः

    104. ऊँ शुक्लमाल्यांबरायै नमः

    105. ऊँ श्रियै नमः

    106. ऊँ जयायै नमः

    107. ऊँ मंगलादेव्यै नमः

    108. ऊँ विष्णुवक्षस्थलस्थितायै नम।

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