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    Sankashti Chaturthi 2025: ये हैं भगवान गणेश के प्रिय भोग, पूजा थाली में शामिल करने से दुख-दर्द होंगे दूर

    Updated: Sat, 15 Mar 2025 09:25 AM (IST)

    सनातन धर्म में किसी भी शुभ और मांगलिक को करने से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesh) की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। मान्यता है कि गणपति बप्पा की उपासना करने से मांगलिक काम का शुभ फल प्राप्त होता है। वहीं भगवान गणेश को चतुर्थी समर्पित है। चैत्र में भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) का पर्व मनाया जाता है।

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    भगवान गणेश को लगाएं इन चीजों का भोग (Pic Credit- AI)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चतुर्थी तिथि पर सच्चे मन से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और विशेष चीजों का भोग (Lord Ganesh Favourite Bhog) लगाने से करियर में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है। साथ ही जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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    अगर आप भगवान गणेश को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025) पर शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा की पूजा कर भोग लगाएं। मान्यता है कि भोग लगाने से साधक को पूजा का पूरा फल मिलता है। साथ ही रुके हुए काम जल्द पूरे होते हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस दिन गणपति बप्पा को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए?

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    भगवान गणेश जी के भोग (Lord Ganesha Favourite Bhog)

    • अगर आप महादेव के पुत्र गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रभु को बेसन के लड्डू का भोग जरूर लगाएं। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा को बेसन के लड्डू का भोग लगाने से पूजा सफल होती है। साथ ही मनचाहा करियर मिलता है और जीवन के सभी दुख-दर्द दूर होते हैं।
    • गणेश जी प्रसन्न करने के लिए भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रभु को मोदक का भोग लगाएं। माना जाता है कि मोदक का भोग लगाने से गणेश जी प्रसन्न होते हैं। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
    • अगर आप वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन चाहते हैं, तो भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी की पूजा थाली में मोतीचूर के लड्डू शामिल करें। माना जाता है कि इससे वैवाहिक जीवन हमेशा खुशहाल रहता है। साथ ही पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।

    भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 2025 शुभ मुहूर्त (Bhalchandra Sankashti Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)

    पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 मार्च को रात 07 बजकर 33 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस प्रकार 17 मार्च को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्नमाध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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