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    Masik Shivratri 2024 Date: कब है भाद्रपद शिवरात्रि? नोट करें पूजन विधि और शुभ मुहूर्त

    Updated: Fri, 23 Aug 2024 02:17 PM (IST)

    इस बार मासिक शिवरात्रि का व्रत 01 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस तिथि पर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा का विधान है जो साधक इस दिन का व्रत रखते हैं उन्हें शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन सुखमय रहता है। मासिक शिवरात्रि वह शुभ दिन है जब शिव भक्त विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान का पालन करते हैं।

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    Masik Shivratri 2024 Date: मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक शिवरात्रि का हिंदू धर्म में अपना एक महत्व है, क्योंकि यह हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन कठिन उपवास का पालन करते हैं, उन्हें शिव-शक्ति का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, भाद्रपद माह की पहली मासिक शिवरात्रि कब मनाई जाएगी और इसकी पूजा विधि क्या है? आइए जानते हैं।

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    मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 01 सितंबर को देर रात 03 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन 02 सितंबर को सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर होगा। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल की पूजा का महत्व है। इसलिए 01 सितंबर को भाद्रपद माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी।

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    शिव जी नमस्कार मंत्र

    शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।

    ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।

    पूजा विधि

    भक्त सुबह उठकर स्नान करें। सुबह उठते ही उपवास का संकल्प शिव जी के समक्ष लें। एक वेदी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें और विधि अनुसार उनकी पूजा करें। पंचामृत से शिव जी का अभिषेक करें। सफेद चंदन का तिलक लगाएं। माता पार्वती को सिंदूर अर्पित करें। गाय के घी का दीपक जलाएं। खीर, सफेद मिठाई का भोग लगाएं। इसके साथ ही मदार के फूलों की माला अर्पित करें।

    शिव जी को बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं। शिव तांडव स्तोत्र और शिव चालीसा का पाठ करें। आरती से पूजा का समापन करें। पूजन में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। व्रती अगले दिन अपने व्रत का पारण करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।