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    Bhadli Navami 2024: भड़ली नवमी पर इस विधि से करें मां दुर्गा की पूजा, दूर होगी घर की दरिद्रता

    Updated: Mon, 15 Jul 2024 11:03 AM (IST)

    सनातन धर्म में भड़ली नवमी का खास महत्व है इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह दिन किसी भी शुभ कार्य और पूजा-पाठ के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इस साल यह 15 जुलाई दिन सोमवार यानी आज मनाई जा रही है। यह तिथि मां दुर्गा की पूजा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।

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    Bhadli Navami 2024:इन शुभ योग के दौरान कर सकते हैं पूजा -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का पर्व पूर्ण परंपराओं और अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता हैं। इसे भटली नवमी, अशरा शुक्ल पक्ष नवमी, कन्दर्प नवमी के नाम से भी जाना जाता है। यह आमतौर पर 'आषाढ़' महीने के दौरान मनाया जाता है। इस साल यह 15 जुलाई, 2024 दिन सोमवार यानी आज मनाई जा रही है। यह तिथि विवाह और मुंडन जैसे शुभ कार्यों का अंतिम दिन मानी जाती है।

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    वहीं, इस तिथि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा का विधान है, ऐसा कहा जाता है इस दिन देवी की पूजा करने से घर में खुशहाली आती है और दरिद्रता का नाश होता है।

    इन शुभ योग के दौरान कर सकते हैं पूजा

    भड़ली नवमी के दिन यानी आज रवि योग पूरे दिन रहेगा। इसके साथ ही अमृत काल दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से शाम 04 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। यह समय किसी भी शुभ कार्य और पूजा-पाठ के लिए फलदायी माना जाता है।

    पूजा विधि

    इस दिन सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें। साथ ही मंदिर और घर की अच्छी तरह सफाई करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। एक वेदी पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।उनका गंगाजल से अभिषेक करें। मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें। ऋतुफल और हलवा, पूरी, चना का भोग लगाएं।

    धूप और दीपक जलाकर देवी की आरती करें। इस दिन दुर्गा सप्तशती के बारहवें अध्याय का पाठ और दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य करें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।